अनियमितता बरतने वाले कोटेदारों पर प्रशासन सख्त

कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के लिए हुए लॉकडाउन के दौरान गरीबों के मुफ्त राशन पर डाका डालने वाले कोटेदारों के खिलाफ प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। आपूर्ति विभाग की टीम द्वारा एसडीएम जंगबहादुर यादव को गौरही तथा अहरौरा के दो दुकानदारों के खिलाफ बिदुवार की गई जांच रिपोर्ट सौंप दी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Apr 2020 06:08 PM (IST) Updated:Tue, 07 Apr 2020 06:08 PM (IST)
अनियमितता बरतने वाले 
कोटेदारों पर प्रशासन सख्त
अनियमितता बरतने वाले कोटेदारों पर प्रशासन सख्त

जासं, चुनार (मीरजापुर) : कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के लिए हुए लॉकडाउन के दौरान गरीबों के मुफ्त राशन पर डाका डालने वाले कोटेदारों के खिलाफ प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। आपूर्ति विभाग की टीम द्वारा एसडीएम जंगबहादुर यादव को गौरही तथा अहरौरा के दो दुकानदारों के खिलाफ बिदुवार की गई जांच रिपोर्ट सौंप दी है। जिसके आधार पर उपजिलाधिकारी ने दोनों कोटेदारों की दुकानों के निलंबन की संस्तुति के लिए ये रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी है।

प्रदेश सरकार ने गरीब तबके को एक अप्रैल से नियमानुसार राशन वितरण करने के आदेश दिए थे। इस संकट के समय भी कुछ कोटेदारों ने भोलेभाले कार्ड धारकों को डरा धमका कर उनके हक पर डाका डालने में लगे थे। जब ग्रामीणों ने हंगामा किया तो मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए आपूर्ति निरीक्षक रवींद्र यादव व काशीनाथ की टीम को जांच का जिम्मा सौंपा। दोनों द्वारा की गई जांच में पाया गया कि गौरही गांव के कोटेदार द्वारा अंगूठा लगवाने के बाद भी लोगों को राशन का वितरण नहीं किया गया। वहीं पूर्व में कई लोगों को अंगूठा लगाने के 25 दिन बाद राशन दिया गया। इसके साथ ही घटतौली और 10 दिनों के अंतराल पर दुकान खोलने की बात भी सामने आई। वहीं अहरौरा के पट्टी कला में स्थित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान पर भी टीम द्वारा जांच करते हुए पचास से अधिक कार्डधारकों के बयान लिए गए थे। जिसके आधार पर यूनिट के अनुसार कम खाद्यान्न दिए जाने, ग्राहकों के साथ अभद्रता करने, घटतौली करने के मामले प्रकाश में आए।

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