सेवानिवृत्त सैनिक को प्रशासन से मिली 35 सौ रुपये की मदद

देश की सेवा करने वाले सैनिकों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। सीमा पर अपनी जान की बाजी लगाकर हमारी रक्षा करने वाले सैनिकों को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। वृद्धावस्था में अपने भी इनका साथ छोड़ दे रहे हैं। ऐसी ही कुछ बानगी जनपद के वीरशाहपुर और राजगढ़ के नदिहार में देखने को मिली।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Jun 2019 06:32 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jun 2019 06:32 PM (IST)
सेवानिवृत्त सैनिक को प्रशासन 
से मिली 35 सौ रुपये की मदद
सेवानिवृत्त सैनिक को प्रशासन से मिली 35 सौ रुपये की मदद

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : देश की सेवा करने वाले सैनिकों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। सीमा पर अपनी जान की बाजी लगाकर हमारी रक्षा करने वाले सैनिकों को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। वृद्धावस्था में अपने भी इनका साथ छोड़ दे रहे हैं। ऐसी ही कुछ बानगी जनपद के वीरशाहपुर और राजगढ़ के नदिहार में देखने को मिली।

वीरशाहपुर ग्राम के नान पेंशनर व पूर्व सैनिक हीरालाल पूर्व सैनिक स्व. हर विलास की पत्नी कमला कुमारी का जीवन बहुत ही आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। मामले की जानकारी होने पर जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी अनिल कुमार ने जिला प्रशासन से मदद की मांग की। इसके बाद जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने आर्थिक रूप से कमजोर व सेवानिवृत्त सैनिक हीरालाल निवासी वीरशाहपुर व पूर्व सैनिक स्व. हर विलास की पत्नी कमला कुमारी को 3500 रूपए का अनुदान उपलब्ध कराया। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी अनिल कुमार ने सहायता राशि का चेक मंगलवार को सौंपा। प्रश्न यह है कि इस महंगाई में जिला प्रशासन द्वारा सैनिक को 3500 की दी गई सहायता राशि कितनी उपयुक्त है। हमारे देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के प्रति क्या हम सही तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभा पा रहे हैं। यदि यही सैनिक सीमा पर अपनी जिम्मेदारी से थोड़ा सा भी विमुख हो जाए तो हमारी नींद गायब हो सकती है।

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