टीबी की जानकारी छिपाने पर डॉक्टरों को दो साल की सजा

अब किसी निजी चिकित्सक ने टीबी रोगी की जानकारी छिपाया तो उसको आईपीसी की धारा 269/70 के तहत दो वर्ष तक जेल हो सकती है। शासन द्वारा जारी किए गए इस कानून का जिले में कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए गए है। शासन द्वारा जारी इस फरमान से निजी चिकित्सकों में हड़कंप मचा हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 Sep 2019 09:31 PM (IST) Updated:Wed, 18 Sep 2019 09:31 PM (IST)
टीबी की जानकारी छिपाने पर
डॉक्टरों को दो साल की सजा
टीबी की जानकारी छिपाने पर डॉक्टरों को दो साल की सजा

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : अब किसी निजी चिकित्सक ने टीबी रोगी की जानकारी छिपाया तो उसको आईपीसी की धारा 269/70 के तहत दो वर्ष तक जेल हो सकती है। शासन द्वारा जारी किए गए इस कानून का जिले में कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए गए है। शासन द्वारा जारी इस फरमान से निजी चिकित्सकों में हड़कंप मचा हुआ है।

अगर कोई निजी चिकित्सक किसी टीबी रोग के मरीज का इलाज करता है और उसके रोग को स्वास्थ्य विभाग को न बताकर छिपाए रखता है तो इसकी जानकारी होने पर उस चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। यहीं नहीं कोर्ट में केस की परैवी करते हुए उसे सजा दिलाने का काम भी किया जाएगा। यह निर्णय जिला क्षय रोग की ओर से टीबी रोग को समाप्त करने के लिए लिया गया है। बताया गया कि जनवरी से अगस्त 2019 तक दो हजार 464 टीबी रोगी मरीज को चिन्हित किए जा चुके है। विभाग का एक मात्र उद्देश्य टीबी का एक भी मरीज चिन्हित हुए बिना नहीं रह सकता है। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी निजी डाक्टरों और अस्पतालों को इसके विषय में पत्र के माध्यम से अवगत किया जा चुका है। मरीजों की सूचना स्वास्थ्य विभाग को देने में किसी भी प्रकार की लापरवाही होती है तो उसके खिलाफ विभाग की तरफ से कार्यवाही की जायेगी। यहीं नहीं जिस तरह निजी चिकित्सकों को प्रोत्साहन राशि विभाग की ओर से दिया जा रहा है। उसी प्रकार आशा कार्यकर्ता या परिवार के अलावा किसी भी व्यक्ति को टीबी मरीज को अस्पताल तक लाने के लिए 500 रुपये प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। वहीं टीबी प्रोवाइडर को विभाग 1000 रुपये देता है। किसी भी टीबी के मरीज को दवा सीधे दवाई उपलब्ध विभाग द्वारा कराया जाता है। यह क्रम साधारण टीबी के मामले में छह महीने तक करना पड़ता है। यदि इस काम को आशा करती है तो उसे भी यह राशि दिया जायेगा।

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यदि कोई निजी चिकित्सक किसी टीबी रोगी की जानकारी छिपाता है तो उसको आईपीसी की धारा 269/70 के तहत दो वर्ष तक जेल भेजने का प्रावधान है। इस कानून का जिले में कड़ाई से पालन किया जाएगा।

-डॉ एल.एल. मिश्र जिला क्षय रोग अधिकारी

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