पारिवारिक कलह चलते लोग कर रहे आत्महत्या

मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत आओ मिलकर आत्महत्या की रोकथाम करें शीर्षक पर एक संगोष्ठी नगर के फतहां स्थित सीएमओ कार्यालय के सभागार में गुरुवार को आयोजित की गई। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डा. नीलेश कुमार श्रीवास्तव ने आत्महत्या पर विस्तार से चर्चा की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 08:31 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 06:20 AM (IST)
पारिवारिक कलह चलते 
लोग कर रहे आत्महत्या
पारिवारिक कलह चलते लोग कर रहे आत्महत्या

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत आओ मिलकर आत्महत्या की रोकथाम करें, शीर्षक पर एक संगोष्ठी नगर के फतहां स्थित सीएमओ कार्यालय के सभागार में गुरुवार को आयोजित की गई। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डा. नीलेश कुमार श्रीवास्तव ने आत्महत्या पर विस्तार से चर्चा की। बताया कि आत्महत्या के कारण एवं विभिन्न परिस्थितियां जिनमें आत्महत्या की प्रवृति ज्यादा होती है। जैसे अवसाद से प्रेरित व्यक्ति कक्षा में बढ़ती प्रतिस्पर्धा साथ में माता पिता की बढ़ती अपेक्षाओं के कारण युवाओं में आत्महत्या की दर बढ़ती जा रही है।

पारिवारिक कलह वैवाहिक संबंधों में तनाव बढ़ती हुई बेरोजगारी या अपेक्षाओं के अनुरूप नौकरी ना मिलना आदि बिदुओं पर प्रकाश डाला। रोकथाम पर चर्चा करते हुए बताया कि कोई भी व्यक्ति आत्महत्या से पहले लोगों से चर्चा करता है। कुछ ऐसे संकेत देता है कि वह आत्महत्या का प्रयास कर सकता है। अगर उसके मन: स्थिति को उसके परिवार या साथी पहले समझ पाएं तो उसको आत्महत्या करने से बचा सकते हैं। जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया कि मंडलीय चिकित्सालय में प्रत्येक सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को ओपीडी में मरीजों की निशुल्क मानसिक इलाज किया जाता है। प्रत्येक बुधवार, शुक्रवार व शनिवार हो विभिन्न जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से मानसिक रोगी के प्रति लोगों को जानकारी दी जाती है। साथ ही मानसिक रोगियों का ढूंढ़कर जिला चिकित्सालय आने की सलाह दी जाती है जिससे उनका पूर्ण रूप से इलाज हो सके। जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नैदानिक मनोवैज्ञानिक राहुल सिंह द्वारा विभिन्न मानसिक बीमारी के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। आत्महत्या की रोकथाम के संदर्भ में जानकारी दिया गया कि कैसे हम मिलकर समाज में आत्महत्या कि बढ़ते मामलों व दरों को रोका जा सके। अभिषेक, श्वेता वर्मा, सुधा मिश्रा, मुकेश विश्वकर्मा, मनीष उपाध्याय, डा. राजेश यादव, शालिनी, मांडवी देवी, डा. उमेश श्रीवास्तव, अखिलेश दूबे, दिनेश, शशि कला आदि शामिल रहे।

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