सेटेलाइट से शुरू हुई पराली जलाने वालों की निगहबानी

खेतों में पराली जलने से उड़े धुएं तो किसान पर एफआईआर दर्ज होगा। खेतों में लोगों की नजरों से छुपकर पराली जलाने वाले किसान अब तीसरी आंख से नहीं बच पाएंगे। इन किसानों की अब सीधे आसमां से सेटेलाइट के माध्यम से निगहबानी की जा रही है। ऐसे किसानों को सेटेलाइट अक्षांश व देशांतर से पकड़ लेगा। लोगों के स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण सुरक्षा की महत्ता को बार- बार शासन-प्रशासन द्वारा समझाने के बाद भी कुछ किसान हठधर्मिता नहीं छोड़ रहे हैं। इनके द्वारा खेतों में पराली जलाना बदस्तूर जारी है। ऐसे किसानों पर शासन-प्रशासन द्वारा सख्त रवैया अपनाना शुरु कर दिया है। सैटेलाइट से पकड़े जाने पर पराली जलाने वाले किसानों पर आर्थिक जुर्माने के साथ ही एफआईआर दर्ज कराने का प्राविधान भी किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 06:05 PM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 06:05 PM (IST)
सेटेलाइट से शुरू हुई पराली जलाने वालों की निगहबानी
सेटेलाइट से शुरू हुई पराली जलाने वालों की निगहबानी

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : खेतों में पराली जलने से उड़े धुएं तो किसान पर एफआइआर दर्ज होगा। खेतों में लोगों की नजरों से छुपकर पराली जलाने वाले किसान अब तीसरी आंख से नहीं बच पाएंगे। इन किसानों की अब सीधे आसमां से सेटेलाइट के माध्यम से निगहबानी की जा रही है। ऐसे किसानों को सेटेलाइट अक्षांश व देशांतर से पकड़ लेगा। लोगों के स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण सुरक्षा की महत्ता को बार-बार शासन-प्रशासन द्वारा समझाने के बाद भी कुछ किसान हठधर्मिता नहीं छोड़ रहे हैं। इनके द्वारा खेतों में पराली जलाना बदस्तूर जारी है। ऐसे किसानों पर शासन-प्रशासन द्वारा सख्त रवैया अपनाना शुरु कर दिया है। सैटेलाइट से पकड़े जाने पर पराली जलाने वाले किसानों पर आर्थिक जुर्माने के साथ ही एफआईआर दर्ज कराने का प्रावधान भी किया गया है।

वर्तमान समय में खरीफ के मौसम में धान की फसल तैयार हो रही है, जिसकी कटाई के बाद किसान बची पराली को खेत में ही जला देते है, जिससे बहुत ही वायु प्रदूषण होता है। जबकि पराली का उपयोग खेत में ही खाद के रूप में किया जा सकता है। फसल अवशेष पराली जलाने से हो रहे वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए शासन-प्रशासन सख्त है। जिलाधिकारी अनुराग पटेल द्वारा एडीएम वित्त व राजस्व यूपी सिंह की अध्यक्षता में जनपद स्तर पर सेल का गठन किया गया है। इसके साथ ही ब्लाकवार एसडीएम को जिम्मेदारी सौंपी गई है तो लेखपालों को गांववार कलस्टर प्रभारी बनाया गया है। सेल में अपर पुलिस अधीक्षक नक्सल, उप कृषि निदेशक डा. अशोक उपाध्याय, जिला कृषि अधिकारी पवन कुमार प्रजापति, डीआईओएस देवकी सिंह एवं डीपीआरओ अरविद कुमार को सदस्य बनाया है। सेल द्वारा धान कटाई के समय से लेकर रबी में गेहूं की बुवाई तक प्रतिदिन फसल अवशेष जलाने की घटनाओं एवं इसकी रोकथाम के लिए उचित कार्रवाई करेगी।

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तहसील स्तर पर हो रही निगरानी

पराली सहित कृषि के अपशिष्ट को जलाने पर नियंत्रित के लिए प्रत्येक तहसील स्तर पर उड़न दस्ते का गठन किया गया है। तहसील सदर में एसडीएम सदर गौरव श्रीवास्तव, क्षेत्राधिकारी सदर एवं एडीओ कृषि कोन व मझवा, लालगंज में एसडीएम लालगंज, क्षेत्राधिकारी लालगंज एवं एडीओ कृषि हलिया व लालगंज, मड़िहान में एसडीएम मड़िहान, क्षेत्राधिकारी मड़िहान एवं एडीओ कृषि पटेहरा व राजगढ़ तथा चुनार में एसडीएम चुनार, क्षेत्राधिकारी चुनार एवं एडीओ कृषि नरायनपुर व सीखड़ शामिल है।

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जनपद में कुल किसान - 2,72,631

रबी फसल में किसान - 40,013

बीमित क्षेत्रफल - 45,018 हेक्टेअर

पीएम किसान योजना से लाभांवित - 1,81,750

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