मीरजापुर में मरीज काे भर्ती नहीं करने पर विधायक रत्नाकर मिश्रा ने उपमुख्यमंंत्री ब्रजेश पाठक को मिलाया फोन

मीरजापुर मंडलीय चिकित्सालय के इरमजेंसी में बीमार मरीज को भर्ती नहीं करने पर नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा नाराज हो गए और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को फोन मिला दिया। उपमुख्यमंत्री के निर्देश के बाद डाक्टरों ने तत्काल मरीज को भर्ती कर लिया।

By Prashant Kumar YadavEdited By: Publish:Sun, 06 Nov 2022 10:56 PM (IST) Updated:Sun, 06 Nov 2022 10:56 PM (IST)
मीरजापुर में मरीज काे भर्ती नहीं करने पर विधायक रत्नाकर मिश्रा ने उपमुख्यमंंत्री ब्रजेश पाठक को मिलाया फोन
मीरजापुर मंडलीय अस्पताल के डेंगू वार्ड में निरीक्षण के दौरान मरीज से जानकारी लेते सदर विधायक रत्नाकर मिश्र।

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मंडलीय चिकित्सालय के इरमजेंसी में बीमार मरीज को भर्ती नहीं करने पर नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा नाराज हो गए और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को फोन मिला दिया। उपमुख्यमंत्री के निर्देश के बाद डाक्टरों ने तत्काल मरीज को भर्ती कर लिया। डिप्टी सीएम के फोन करने की खबर लगते ही अधिकारी सतर्क हो गए और भागकर अस्पताल पहुंचे।

नगर के संकटमोचन निवासी 70 वर्षीय गुलाब चंद जायसवाल को सांस की बीमारी थी। हालत गंभीर होने पर स्वजन उनको लेकर रविवार रात करीब आठ बजे मंडलीय चिकित्सालय पहुंचे। स्वजन के मुताबिक उनकी हालत काे देखकर उन्हें भर्ती नहीं कर रहे थे। मरीज के भर्ती नहीं करने पर उसके स्वजन ने नगर विधायक को फोन कर दिया। जानकारी होते ही नगर विधायक अस्पताल पहुंचे और कर्मचारियों को चेतावनी दी। उनकी बात नहीं सुनने पर उन्होंने तुरंत उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को फोन लगा दिया। डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद मरीज को भर्ती कर लिया गया।

फिलहाल मरीज का उपचार किया जा रहा है

मरीज को पहले ही आइसीयू में भर्ती कर लिया गया था। स्वजन को लगा कि आक्सीजन नहीं दी जा रही है जबकि आक्सीजन दिया जा रहा था। अस्पताल में नेटवर्क न होने के कारण विधायक का फाेन कट गया था। फिलहाल मरीज का उपचार किया जा रहा है।

-डा. आरबी कमल, प्राचार्य मेडिकल कालेज।

डेंगू वार्ड में बाहर से दवा लिखने पर सीडीओ ने जताई नाराजगी

मुख्य विकास अधिकारी श्रीलक्ष्मी बीएस ने रविवार को मंडलीय चिकित्सालय के डेंगू वार्ड का निरीक्षण किया। उन्होंने मरीजों को बाहर से दवा व ग्लूकोज की बोतलें लिखने पर नाराजगी जताई। प्राचार्य डा. आरबी कमल को निर्देश दिया कि वे मरीजों को समस्त दवाएं अंदर से ही उपलब्ध कराएं। पैथालाजी बंद होने पर भी नाराज हुईं। कहा कि इस समय प्रतिदिन डेंगू जांच की पैथालाजी चलाई जाए।

डेंगू वार्ड के कुछ मरीजों ने डीएम दिव्या मित्तल से शिकायत की थी कि उनको अधिकांश दवाएं बाहर से लिखी जा रही है। इसके अलावा ग्लूकोज की बोतलें भी बाहर से मंगवाई जा रही है। इसको देखते हुए डीएम ने सीडीओ से डेंगू वार्ड का निरीक्षण कर शिकायत की जांच करने को कहा था।

सीडीओ रविवार शाम डेंगू वार्ड पहुंचीं और मरीजों से इलाज के बारे में जानकारी ली। अधिकांश मरीजों ने बताया कि इलाज ठीक चल रहा है। कुछ मरीजों ने बताया कि उनसे बाहर से दवाएं व ग्लूकोज की बोतलें मंगवाई जा रही है। यह सुन सीडीओ नाराज हुईं और प्रत्येक दवाएं अंदर से ही उपलब्ध कराने को कहा। डेंगू जांच की पैथालाजी बंद मिलने की शिकायत पर उसे प्रतिदिन खोलने को कहा।

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