बेलन नहर में पानी आते खिले किसानों के चेहरे

बेलन नहर में मेजा डैम का पानी छुटते ही किसानों के चेहरे खिल उठे। लंबे समय से पानी का इंतजार कर रहे किसान नहर में पानी देखते ही धान की नर्सरी डालने में जुट गए। क्षेत्र में अपेक्षाकृत बरसात न होने के कारण अभी तक किसानों के धान की नर्सरी नहीं पड़ पाई थी और खेती का एक-एक दिन करके उपयुक्त समय निकलता जा रहा था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Jul 2020 09:25 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 06:04 AM (IST)
बेलन नहर में पानी आते  खिले किसानों के चेहरे
बेलन नहर में पानी आते खिले किसानों के चेहरे

जासं, बरौंधा (मीरजापुर) : बेलन नहर में मेजा डैम का पानी छुटते ही किसानों के चेहरे खिल उठे। लंबे समय से पानी का इंतजार कर रहे किसान नहर में पानी देखते ही धान की नर्सरी डालने में जुट गए। क्षेत्र में अपेक्षाकृत बरसात न होने के कारण अभी तक किसानों के धान की नर्सरी नहीं पड़ पाई थी। ऐसे में किसानों की समस्या को देखते हुए 'दैनिक जागरण' ने 30 जून के अंक में पेज संख्या-04 पर खबर- Xह्नह्वश्रह्ल;बेलन नदी में बह रहा मेजा डैम का पानी'को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। पानी के अभाव में पिछड़ रही खेती का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को ही बेलन नहर में पानी छोड़ दिया गया।

बेलन नहर की कमांड एरिया से पड़ोसी जनपद प्रयागराज का अधिकांश भू-भाग सिचित होता है। बरौंधा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बेलन नहर के पास पुल के पाये का निर्माण होने के फलस्वरूप नहर में पानी नहीं छोड़ा जा सका था। इसके चलते धनावल, बदउआ, मझिगवां, लच्छनपुर, नेवढि़या, बयालिस पंचेड़ा समेत पचासों गावों में धान की नर्सरी नहीं पड़ पाई थी। किसानों को पानी के लिए लंबे समय से इंतजार था और खेती का एक-एक दिन करके उपयुक्त समय निकलता जा रहा था। किसानों ने अपनी समस्या से 'दैनिक जागरण' को रूबरू कराया। इस पर किसानों की समस्या को देखते हुए 'दैनिक जागरण' ने 30 जून को पेज-04 पर खबर- Xह्नह्वश्रह्ल;बेलन नदी में बह रहा मेजा डैम का पानी'को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस खबर का संज्ञान लेते हुए विभागीय अफसरों ने किसानों की सिचाई की दिक्कत को महसूस किया और मेजा डैम का पानी बेलन नहर में छोड़ा गया। मेजा डैम का पानी बेहन नहर में छोड़े जाते ही खेतों तक पानी पहुंचने पर किसानों ने दैनिक जागरण की पहल को सराहा। इसके बाद किसान खेती करने में जुट गए।

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