आदिवासी महिलाओं को वन्य खाद्य पदार्थों के बारे में बताया

क्षेत्र के कृषक पीजी कालेज राजगढ़ में राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी वाराणसी के तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता काशी हिदू विश्वविद्यालय की प्रो. मधुलिका अग्रवाल ने किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Mar 2019 08:15 PM (IST) Updated:Mon, 18 Mar 2019 08:15 PM (IST)
आदिवासी महिलाओं को वन्य 
खाद्य पदार्थों के बारे में बताया
आदिवासी महिलाओं को वन्य खाद्य पदार्थों के बारे में बताया

जागरण संवाददाता, राजगढ़ (मीरजापुर) : क्षेत्र के कृषक पीजी कालेज राजगढ़ में राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी वाराणसी के तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता काशी हिदू विश्वविद्यालय की प्रो. मधुलिका अग्रवाल ने किया। कार्यशाला में राजगढ़ क्षेत्र की 150 से अधिक आदिवासी महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस कार्यशाला में पारंपरिक फसलों के संरक्षण से होने वाले लाभ के बारे में अवगत कराया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ से वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सीएस मोहंती ने वन्य खाद्य पदार्थों की आवश्यकता, पोषण क्षमता, औषधीय गुण एवं भविष्य की संभावनाएं गिनाई। गृह विज्ञान विभाग महिला महाविद्यालय काशी हिदू विश्वविद्यालय की सह अध्यापिका डा. मुक्ता सिंह ने वन्य खाद्य पदार्थों से प्राप्त विभिन्न प्रकार के भोजन पदार्थों पर प्रकाश डाला। वाराणसी के शोध छात्र अजीत सिंह ने राजगढ़ के आसपास के क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न जंगली और पारंपरिक फसलों और उनके पोषण महत्व को आदिवासी महिलाओं से साझा किया। कार्यशाला का मुख्य आकर्षण आदिवासी महिलाओं के लिए किया गया। पारंपरिक फसलों की प्रजातियों का प्रदर्शन रहा। इस मौके पर प्रबंधक पारसनाथ सिंह, डा. तिपुंजय पटेल, विभा रानी सिंह, अमृतलाल, मनिद्र श्रीवास्तव, राना बनबीर सिंह, शशि भूषण सिंह, गुरु प्रसाद सिंह, शिवा सिंह आदि मौजूद रहे।

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