नहरों के टूटे तटबंध तली में उगी घास, लगी झाड़ियां

नहरों की तली सफाई एवं पटरी मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये के हेराफेरी करने का मामला प्रकाश में आया है। आरोपित है कि शासन के निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए विभागिय कर्मियों एवं ठेकेदारों द्वारा नहरों में थोड़ा बहुत जेसीबी मशीन से घास छिलवाकर कार्य इतिश्री कर दी गई।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jan 2020 09:18 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jan 2020 09:18 PM (IST)
नहरों के टूटे तटबंध तली 
में उगी घास, लगी झाड़ियां
नहरों के टूटे तटबंध तली में उगी घास, लगी झाड़ियां

जासं, बरौंधा (मीरजापुर) : नहरों की तली सफाई एवं पटरी मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये के हेराफेरी करने का मामला प्रकाश में आया है। आरोपित है कि शासन के निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए विभागिय कर्मियों एवं ठेकेदारों द्वारा नहरों में थोड़ा बहुत जेसीबी मशीन से घास छिलवाकर कार्य इतिश्री कर दी गई। जबकि मौके पर नहरों की खस्ता हालत बनी हुई है। किसानों ने आक्रोश जताया कि एक तरफ सरकार द्वारा किसानों को खेत-खेत तक पानी पहुंचाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है वहीं विभागीय कर्मचारी सरकार के मंशा को तार तार कर दे रहे हैं। क्षेत्र के किसानों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए तत्काल प्रभाव से नहरों का स्थलीय सत्यापन कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

क्षेत्र की दिघुली माइनर, बरौंधा, गंभीरापुर, अतरैला्र, तेंदुइ और धनावल माइनर की हालत इस कदर हो गई है कि कहीं पटरी क्षतिग्रस्त है तो कहीं तटबंध टूटा हुआ है। नहरों की तली में झाड़ झंखाड़ इस कदर से पानी टेल तक न जाकर बीच रास्ते से ही नदी नालों में बह जाता है। जिसके चलते किसानों को सिचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता। किसान मन मसोसकर रह जाते हैं। शासन द्वारा पंद्रह दिसंबर तक सभी नहरों की तली सफाई व सेक्ट क्लीयरेंस के लिए सिचाई विभाग को हर हाल में पूरा कर लेने का निर्देश दिया गया था किन्तु नहरों की हालत ज्यों की त्यों बनी हुई है। इस संबंध में दिघुली के पूर्व प्रधान राजेश मिश्र समेत क्षेत्र के दर्जनों लोगों ने सिचाई मंत्री के नाम से संबोधित प्रार्थना में सिरसी बांध प्रखण्ड के अधिशाषी अभियंता पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत किया है। प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया कि ई-टेंडरिग के जरिए छोटे छोटे ठेकेदारों को कार्य का आवंटन करके समय सीमा के अंदर नहरों की साफ सफाई व मरम्मत का कार्य पूरा कराया जाय किन्तु ऐसा न करके मनचाहे ठेकेदारों को टेंडर देकर कागजी खानापूर्ति की गई है। मौके पर नहरों की स्थिति देखने से ऐसा नहीं प्रतीत होता है कि नहर में कोई कार्य किया गया है। पिछले अठारह दिसंबर को आयोजित किसान दिवस में किसानों की शिकायत पर जिलाधिकारी द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि जब तक नहरों की साफ-सफाई व वीडीओग्राफी न जाय तबतक नहरों में पानी नहीं छोड़ा जाएगा। किन्तु सारे नियमों व निर्देशों को ताक पर रखकर विभागिय कर्मचारी अपने तरीके से काम करने में मशगूल हैं।

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