अनुकंपा के आधार पर रेल कर्मियों के आश्रितों को मिलेगी नियुक्ति

उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मंडल ने निर्णय लिया है कि यदि विशेष परिस्थिति में रेलवे की सेवा में कार्यरत किसी भी रेलवे कर्मचारी की असमय मृत्यु हो जाती है या चिकित्सा आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया जाता है या चिकित्सकीय रूप से अक्षम हो जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 08:49 AM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 08:49 AM (IST)
अनुकंपा के आधार पर रेल कर्मियों के आश्रितों को मिलेगी नियुक्ति
अनुकंपा के आधार पर रेल कर्मियों के आश्रितों को मिलेगी नियुक्ति

राजकुमार सिंह, मीरजापुर

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उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मंडल ने निर्णय लिया है कि यदि विशेष परिस्थिति में रेलवे की सेवा में कार्यरत किसी भी रेलवे कर्मचारी की असमय मृत्यु हो जाती है, चिकित्सा आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया जाता है, चिकित्सकीय रूप से अक्षम हो जाता है या किसी कर्मचारी का सात वर्ष तक कोई अता-पता न चले, लापता रहे तो ऐसे रेल सेवकों के परिवार के भरण-पोषण के लिए परिवार के किसी एक सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति प्रदान की जाएगी।

यह जानकारी उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी सुनील कुमार गुप्ता ने देते हुए बताया कि अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किए जाने के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा चार्टर जारी किया गया है, जिसकी समयावधि 90 दिन की है। इसके अनुसार अनुकंपा नियुक्ति के सभी प्रकरणों को 90 दिन के भीतर पूर्ण करना होता है। रेलवे बोर्ड द्वारा जारी चार्टर के अनुपालन में इलाहाबाद मंडल में अनुकंपा नियुक्ति वर्तमान में 90 दिन में की जाती है, तथा समय-समय पर उन मृतकों के परिवारों को भी सूचित किया जाता है जो अपने पिता की मृत्यु के समय अवयस्क थे। लंबित प्रकरणों की जांच में मिले सही को नियुक्ति

वित्तीय वर्ष के शुरूआत में अनुकंपा नियुक्ति के कुल 98 प्रकरण लंबित थे एवं माह नवंबर 2019 तक 103 नए प्रकरण प्राप्त हुए। वर्ष 2019-20 में कुल 201 प्राप्त प्रकरणों में से 164 की नियुक्ति के लिए निर्णय लिया जा चुका है। शेष 37 प्रकरणों पर कार्रवाई की जा रही है जिनमें 14 प्रकरण अनुकंपा नियुक्ति प्रकोष्ठ में प्राप्त हो चुके है तथा 23 प्रकरणों पर संबंधित हित निरीक्षकों द्वारा जांच की जा रही है। सामान्य मामलों में तीन माह में निस्तारण

अनुकंपा आधार पर नियुक्ति सामान्य मामलों में तीन माह के अंदर कर दी जाती है एवं ड्यूटी के दौरान कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में सामान्यत: नियुक्ति एक माह में कर दी जाती है। उदाहरण के तौर पर फतेहपुर स्टेशन पर कार्यरत ग्रुप डी कर्मचारी श्री उमा शंकर, ट्रैकमैन, ऑन ड्यूटी चार अक्टूबर को मृत्यु होने की स्थिति में उनकी विधवा संगीता देवी को मात्र पांच दिन में नियुक्ति प्रदान कर दी गई। घटना के पश्चात अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए पात्रता की अवधि पांच वर्ष तक रखी गई है। यदि कर्मचारी की मृत्यु सेवा-काल में हो जाए और उसकी विधवा नौकरी करने की स्थिति में न हो और उसके बच्चे अवयस्क हो तो अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति का मामला तब तक रोक दिया जाता है जब तक पहला बेटा-बेटी वयस्क नहीं हो जाता है।

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