बगहीं पुल की बेला छोर की दीवार क्षतिग्रस्त, पिलर में आई दरार
चुनार तहसील के ढाब क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांवों के लोगों के लिए जीवनरेखा का काम करने वाले जरगो नदी पर बना बगहीं पुल जर्जर अवस्था में पहुंच जाने से लोगों को अब इस पर आवागमन में डर लगने लगा है।
जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : चुनार तहसील के ढाब क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांवों के लोगों के लिए जीवनरेखा का काम करने वाले जरगो नदी पर बना बगहीं पुल जर्जर अवस्था में पहुंच जाने से लोगों को अब इस पर आवागमन में डर लगने लगा है। आए दिन इसी पुल के जरिए क्षेत्र में भवन निर्माण सामग्री लेकर भारी वाहन आते-जाते हैं। क्षेत्र के रामनरेश सिंह बड़े भाईजी को समर्पित इस पुल पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में छात्र-छात्राओं, किसानों, व्यापारियों समेत अन्य लोगों का आवागमन दो और चार पहिया वाहनों से होता है। वर्तमान में बगहीं-बेला स्थिति यह है कि इस पुल के चार पिलर में दरार पड़ चुकी है। बेला छोर पर इसकी दीवार (पंखी) बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है, और इस बार आई बाढ़ से कटान रोकने के लिए उसमें लगाए गए बोल्डर बाहर निकल गए हैं।
तत्कालीन सिचाई मंत्री ओमप्रकाश सिंह की इच्छाशक्ति के चलते ढाब क्षेत्र के दर्जन भर गांवों के वाशिदों को 6 अक्टूबर 2001 को जरगो नदी पर बनाए गए इस पुल की सौगात मिली थी। इस पुल की मांग इलाके के लोग वर्षों से कर रहे थे। बगही-बेला को जोड़ने वाले इस पुल का प्रयोग जलालपुर माफी, बगहीं, शिवपुर, चितरहां, भवानीपुर, धरम्मरपुर, गांगपुर, गोविदपुर आदि गांवों के रहने वाले कैलहट, परसोधा समेत वाराणसी जाने के लिए करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अपनी स्थापना के बाद से कई बार बाढ़ का दंश झेल चुके इस पुल की दीवारें और पिलर मेंटेनेंस के अभाव में क्षतिग्रस्त होते चले गए और विभागीय अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। करीब दस बारह वर्ष पूर्व इसकी मरम्मत का काम शुरू हुआ था लेकिन बाद में वह भी बंद कर दिया गया। ऐसा किन कारणों से हुआ यह किसी को नहीं पता लेकिन वर्तमान में पुल की दशा अत्यंत दयनीय हो चुकी है। पुल के दोनों ओर बनाई गई रेलिग टूट चुकी है और सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गई है।
क्या कहते हैं ग्रामीण
इस पुल से इलाके के कई गांव लाभावित होते हैं। ऐसे में विभागीय अधिकारियों को ध्यान देकर इसकी रिपेयरिग करानी चाहिए।
- यशनाथ सिंह, बगहीं
पुल पिछले कई वर्षों से क्षतिग्रस्त है। विभागीय अधिकारियों को कई बार इस बारे में शिकायत की गई। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।
-अनुराग सिंह, बगहीं यह पुल ढाब क्षेत्र के लिए लाइफ लाइन है। इसकी रिपेयरिग बेहद जरूरी है। नहीं तो किसी भी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है।
- मनोज कुमार सिह
बगहीं-बेला पुल से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में किसान और हजारों छात्र छात्राएं आते जाते हैं। इसकी दीवार क्षतिग्रस्त हो चुकी है। जिसे बनवाया जाना आवश्यक है। साथ ही पिलर की रिपेयरिग भी कराई जानी चाहिए।
मंडल कुमार सिंह।