अधिवक्ताओं ने डीएम के खिलाफ किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता मीरजापुर अधिवक्ताओं ने दूसरे दिन भी कलेक्ट्रेट पर पहुंचकर जिलाधिकारी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 05:14 PM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 10:03 PM (IST)
अधिवक्ताओं ने डीएम के खिलाफ किया प्रदर्शन
अधिवक्ताओं ने डीएम के खिलाफ किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : अधिवक्ताओं ने दूसरे दिन भी कलेक्ट्रेट पर पहुंचकर जिलाधिकारी के खिलाफ प्रदर्शन किया। कहा कि जब तक वे अधिवक्ताओं से किए गए अभद्र व्यवहार की आकर माफी नहीं मांगते तब तक वे लोग प्रदर्शन करना जारी रखेंगे। एनआइसी में घुसने को लेकर अधिवक्ताओं व पुलिस के बीच नोकझोक भी हुई। एडीएम यूपी सिंह व नगर मजिस्ट्रेट विनय सिंह ने उनको समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने और डीएम के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। अधिवक्ताओं ने बैठक कर सोमवार से डीएम के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर धरना देने का निर्णय लिया।

अधिवक्ता शनिवार को कचहरी भ्रमण कर कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां डीएम के खिलाफ नारेबाजी की। बताया कि दो दिन पूर्व एक अधिवक्ता जिलाधिकारी के पास अपने मवक्किल की समस्या को लेकर आए थे। उन्हें पीड़ित की व्यथा सुना रहे थे कि इसी दौरान डीएम उनके ऊपर भड़क गए। उन्हें बाहर जाने को कहा। नहीं जाने पर जेल भेजवाने की धमकी दी। उनके व्यवहार से अधिवक्ता काफी दुखी हुए। सभी ने कहा कि डीएम को ऐसा नहीं करना चाहिए। अधिवक्ताओं का भी सम्मान है। डीएम कार्यालय के बाहर नारेबाजी करने पर नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार व सीओ नगर प्रभात राय फोर्स के साथ पहुंचे। उनको समझा -बुझाकर शांत कराने का प्रयास किया ,लेकिन वे नहीं माने। अधिकारियों और अधिवक्ताओं के बीच काफी देर तक बहस होती रही। इसी बीच किसी ने अधिवक्ताओं को बता दिया कि डीएम एनआइसी में मुख्यमंत्री के साथ वीसी कर रहे हैं। यह सुन वे एनआईसी पहुंच गए। अंदर घुसने का प्रयास किया तो पुलिस ने रोक लिया। इस बात को लेकर पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच नोकझोंक भी हुई। दोपहर बाद अधिवक्ताओं ने कचहरी स्थित डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के सभागार में बैठक कर निर्णय लिया कि सोमवार से वे लोग कलेक्ट्रेट में धरना देंगे। अगर डीएम माफी मांग लेंगे तो समाप्त कर देंगे नहीं मांगेंगे तो अनवरत चलता रहेगा। अध्यक्षता प्रकाशनाथ उपाध्याय, संचालन रूद्र प्रकाश गोस्वामी, सचिव पंकज श्रीवास्तव, सत्य प्रकाश गांधी, सुरेश त्रिपाठी, गंगा राम यादव, रवींद्र बहादुर सिंह, पारसनाथ, लालजी सिंह, आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।

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