दिल्ली के जलसे में जनपद के 23 लोग हुए थे शामिल

दिल्ली के तबलीगी मकरज में हुए जलसे के दौरान जनपद के 23 लोगों ने भाग लिया था। इसका खुलासा होते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने देर रात गहनता से छानबीन करते हुए सभी की पहचान की। इसके बाद नगर के दो मस्जिदों में बनाए गए

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Apr 2020 04:08 PM (IST) Updated:Wed, 01 Apr 2020 04:08 PM (IST)
दिल्ली के जलसे में जनपद 
के 23 लोग हुए थे शामिल
दिल्ली के जलसे में जनपद के 23 लोग हुए थे शामिल

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : दिल्ली के तब्लीगी मरकज में हुए जलसे के दौरान जनपद के 23 लोगों ने भाग लिया था। इसका खुलासा होते प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने देर रात गहनता से छानबीन करते हुए सभी की पहचान की। इसके बाद से नगर के दो मस्जिदों में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में लेकर जाकर रखा गया। हालांकि इनके आने में 25 दिन बीत चुके हैं इसलिए इनमें कोरोना वायरस होने का खतरा कम है। फिर भी सतर्कता के तौर पर देर रात इनका सैंपल लेकर बीएचयू के बायोलाजी अनुभाग में जांच के लिए भेजा गया है।

जिले के 50 से अधिक लोगों के जमाएते पब्लिकी से जुड़े होने की सूचना मिल रही है। इसमें 23 लोग गत दिनों दिल्ली में हुए जलसे में शामिल होने गए थे। एक मार्च को जलसे में भाग लेने के बाद सभी तीन व चार मार्च को अपने अपने घर आ गए। तब से अपने घर पर रह रहे हैं। दो दिन पूर्व जलसे में शामिल 400 लोगों को कोरोना पाजिटिव पाए जाने की खबर लगते ही पूरे देश-विदेश में हड़कंप मच गया। प्रशासन जलसे में शामिल लोगों की पहचान कराने में जुट गया है। जिले में भी 24 लोगों के शामिल होने का नाम प्रकाश में आने पर अधिकारी सकते में आ गए। काफी छानबीन के बाद बताया गया अदलहाट के खजुरौल निवासी अब्दुल (19) जलसे में शामिल होने के लिए गया था लेकिन अभी तक आया नहीं है। इस पर प्रशासन ने परिजनों को निर्देशित किया कि उससे बात करके महामारी समाप्त होने तक दिल्ली में रूके रहने की हिदायत दी जाए। अगर वह आता है तो इसके बारे में प्रशासन को अविलंब सूचना दी जाए। वहीं नगर के इमामबाड़ा व सत्ती रोड समेत अन्य इलाके के 23 लोगों की पहचान कर सात लोगों को सत्ती रोड व 16 लोगों को इमामबाड़ा के मस्जिद में सुरक्षा के तौर पर रखा गया है। सीएमओ ओपी तिवारी का कहना है कि ये लोग तीन व चार मार्च को आए हैं। इनके आने के बाद से अब तक 14 दिन का समय बीत चुका है। इसलिए इनमें कोरोना होने की संभावना कम है। फिर भी एहतिहातन इनको मस्जिद में रखा गया है। इनके सैंपल भी लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।

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