सूख रही फसलों को मिली संजीवनी

मीरजापुर : नगरीय व ग्रामीण इलाकों में शनिवार की तड़के व दोपहर झमाझम पानी बरसा। इससे कुछ देर के लिए मौ

By Edited By: Publish:Sat, 01 Aug 2015 09:46 PM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2015 09:46 PM (IST)
सूख रही फसलों को मिली संजीवनी

मीरजापुर : नगरीय व ग्रामीण इलाकों में शनिवार की तड़के व दोपहर झमाझम पानी बरसा। इससे कुछ देर के लिए मौसम सुहाना हो गया। हालांकि बाद में फिर उमस और गर्मी ने लोगों को बेहाल किया। बारिश होने के बाद किसान धान की खेती में जुट गए। बहुत अधिक तो नहीं लेकिन कुछ ही देर के लिए हुई इस बारिश से सूखने के कगार पर पहुंच चुकी फसलों को संजीवनी मिल गई है।

जिले में एक पखवारे से बरसात नहीं हो रही थी। रोज आकाश में उमड़ते- घुमड़ते बादल बूंदाबादी कर लौट जा रहे थे। इस बीच निकल रही तीखी धूप व उमस से लोग परेशान थे। पानी न मिलने से खेती का काम बंद हो गया था। धान की फसल सूखने के साथ खेतों में दरारें पड़ गई थी। इससे किसान बेहाल हो गए। उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि अब वे क्या करें। सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। शुक्रवार से ही आकाश में बादल छाए थे। नक्सल क्षेत्र में बरसात भी हुई लेकिन बाकी इलाकों में सूखा ही रहा। शनिवार की भोर से ही पूरे जिले में झमाझम बारिश हुई। खेतों में पानी भरने के साथ पहाड़ी नदी- नालों में उफान आ गया। सुबह होते ही किसान खेती- बारी में जुट गए हैं। धान के अलावा मूंग, उड़द, तिल, अरहर आदि फसलें जो पानी के बिना मुरझा रही थी उनके लिए इस बरसात ने संजीवनी का काम किया है।

रास्तों पर चलना हो गया दूभर

बारिश के चलते नगर के विभिन्न मोहल्लों की गलियों व सड़कों पर कीचड़ हो गया। इस कारण राहगीरों को सफर करना दूभर हो गया। कई स्थानों पर जलजमाव भी हुआ। सबसे अधिक दिक्कत रतनगंज, पक्का पोखरा, अनगढ़ से पुरानी दशमी, महुअरिया, पंसारी टोला, तहसील चौराहा से पांडेयपुर आदि इलाकों में हुई। इन इलाकों में सड़क को किन्हीं न किन्हीं कारणों से खोद कर छोड़ दिया गया है। बारिश के बाद इन सड़कों पर फिसलन हो चुका है।

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