बंद पड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट,नहीं मिल रही बिजली

मीरजापुर : सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों को चलाने के लिए रोस्टर के अनुसार बिजली नहीं मिल पा रही है। महज आ

By Edited By: Publish:Thu, 05 Mar 2015 06:46 PM (IST) Updated:Thu, 05 Mar 2015 06:46 PM (IST)
बंद पड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट,नहीं मिल रही बिजली

मीरजापुर : सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों को चलाने के लिए रोस्टर के अनुसार बिजली नहीं मिल पा रही है। महज आठ दस घंटे बिजली मिलने से पंप पूरी क्षमता से चल नहीं पा रहे हैं, जिसकी वजह से गंदा पानी ओवरफ्लो कर गंगा में बह जा रहा है। लाखों का बजट खर्च कर पंप को चलाने के लिए जेनरेटर तो लगा है लेकिन डीजल मद में बजट न मिलने से वह भी बेकार पड़ा है। आएदिन बवाल हो रहा है इसके बाद भी शासन से बजट नहीं मिल पा रहा है। रमईपट्टी मोहल्ला निवासी सुरेश बरनवाल ने कहा कि 23 करोड़ से ज्यादा का बजट खर्च कर सीवेज प्लांट की स्थापना की गयी है। नगर के आधे हिस्से में सीवर डाली गयी है। पंपों के रखरखाव का इंतजाम न होने से शहर के निर्मलीकरण को झटका लगा है। सुरेश ने कहा कि पंपों को चलाने के लिए कायदे से 22 घंटे बिजली चाहिए, नगर में तो दस घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है। ज्यादातर समय पंप बंद रहते हैं। रामकुमार सिंह ने कहा कि सीवर डाल देने से नगर स्वच्छ होने वाला नहीं है और न ही गंगा निर्मल होंगी। दर्जन भर से ज्यादा नाले आज भी गंगा में बहाये जा रहे हैं। घाटों का पानी आचमन योग्य नहीं रह गया है। अजय कुमार ने कहा कि सरकार को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों को चलाने के लिए बजट मिलना चाहिए। राजेश, मकबूल ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। गंगा का पानी प्रदूषण मुक्त नहीं कराया जा सका है। आखिर कब तक जीवनदायिनी के साथ खिलवाड़ होता रहेगा। समय रहते यदि लोग नहीं चेते तो हमारी संस्कृति सभ्यता खतरे में पड़ सकती है।

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