विधायकों को पता नहीं और सिंचाई विभाग ने नलकूप की बंटरबाट कर दी

सिंचाई विभाग में चल रही मनमानी का राजफाश गुरुवार को विभागीय मंत्री के सामने खुल गया। विभाग ने बिना जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव के बिना ही एक दर्जन नलकूपों की बंदरबाट कर दी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Dec 2018 04:00 AM (IST) Updated:Fri, 07 Dec 2018 04:00 AM (IST)
विधायकों को पता नहीं और सिंचाई  विभाग ने नलकूप की बंटरबाट कर दी
विधायकों को पता नहीं और सिंचाई विभाग ने नलकूप की बंटरबाट कर दी

मेरठ : सिंचाई विभाग में चल रही मनमानी का राजफाश गुरुवार को विभागीय मंत्री के सामने खुल गया। विभाग ने बिना जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव के बिना ही एक दर्जन नलकूपों की बंदरबाट कर दी। शिकायत पर मंत्री ने अधिशासी अभियंता को फटकार लगाई और स्पष्टीकरण भी तलब किया। उधर, सिल्ट सफाई के मामले में भी लापरवाही पर भी अधिकारियों को फटकारा।

सिंचाई विभाग के मंत्री धर्मपाल सिंह ने सर्किट हाउस में विभाग की मंडलीय समीक्षा की। उन्होंने सिंचाई की बेहतर व्यवस्था के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। बताया कि सरकार ने जिले के लिए एक दर्जन नलकूपों का आवंटन किया है। आवंटित नलकूप जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर लगाए जाने हैं। उधर, नलकूप का आवंटन होने की जानकारी पर सरधना विधायक संगीत सोम और हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक भड़क गए। विधायकों ने मंत्री के समक्ष आरोप लगाते हुए कहा कि सिंचाई विभाग के किसी भी अधिकारी ने नलकूप आवंटित होने के संबंध में कोई जानकारी किसी भी प्रतिनिधि को नहीं दी है। वहीं विभाग द्वारा कराए जा रहे किसी भी विकास कार्य की जानकारी नहीं दी गई। विधायकों का विरोध देखकर मंत्री ने भी तेवर दिखाते हुए सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एसएस गिरि को जमकर फटकार लगाई और स्पष्टीकरण भी मांगा। उधर, बैठक के बाद मंत्री ने गंगनहर की अनूप शहर शाखा खंड में हो रही सिल्ट सफाई का निरीक्षण भी किया। सफाई में बरती जा रही लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए सुधार के निर्देश दिए। कब्रिस्तान की जमीन कब्जाने का आरोप

श्रीराम लाला दशहरा कमेटी के सदस्यों ने गांव कसेरूखेड़ा स्थित शमशान और कब्रिस्तान की भूमि पर सेना द्वारा कब्जा करने का आरोप लगाकर कमिश्नरी चौराहे पर प्रदर्शन किया। अध्यक्ष विनोद सोनकर ने आरोप लगाते हुए बताया कि वर्षो से खाली शमशान और कब्रिस्तान की भूमि को सेना अब कब्जाने का प्रयास कर रही है, इस संबंध में सेना और प्रशासन के अधिकारियों से भी शिकायत की गई। लेकिन समाधान नहीं हो सका। जमीन को कब्जा मुक्त कराने की मांग को लेकर कमेटी सदस्यों ने प्रदर्शन कर डीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंप दिया।

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