यूपी चुनाव 2022: मेरठ में रालोद खाली हाथ, कार्यकर्ताओं में उबाल, सिवालखास से इन्‍हें मिला मौका

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में मेरठ में रालोद कार्यकर्ताओं को एक भी सीट नहीं मिलना आक्रोश का सबब बनने लगा है। सिवालखास से गुलाम मोहम्मद और कैंट से मनीषा को टिकट। दावेदारों को लगा झटका पनप रहा है असंतोष संदेश वायरल।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 12:07 AM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 12:07 AM (IST)
यूपी चुनाव 2022: मेरठ में रालोद खाली हाथ, कार्यकर्ताओं में उबाल, सिवालखास से इन्‍हें मिला मौका
मेरठ में रालोद कार्यकर्ताओं को एक भी सीट नहीं मिलना आक्रोश का सबब बनने लगा है।

मेरठ, ओम बाजपेयी। विधानसभा चुनाव में मेरठ में रालोद कार्यकर्ताओं को एक भी सीट नहीं मिलना आक्रोश का सबब बनने लगा है। कार्यकर्ताओं में इस निर्णय पर आलाकमान के प्रति गुस्सा है जबकि दावेदार इसे अपनों हकों पर अतिक्रमण मान रहे हैं। मंगलवार को सपा के गुलाम मोहम्मद को रालोद के टिकट पर सिवालखास से चुनाव लड़ाने की घोषणा ने गुस्से की आग में घी डाल दिया। इंटरनेट मीडिया पर पार्टी आलाकमान के विरोध में जमकर संदेश वायरल हुए।

कैंट विधानसभा सीट से रालोद ने बसपा के पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह की पुत्री मनीषा अहलावत जैन को टिकट देकर मैदान में उतारा है। मंगलवार देर शाम पूर्व विधायक चंद्रवीर बेटी मनीषा को लेकर रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह के बसंत कुंज स्थित आवास पहुंचे, जिसके बाद टिकट फाइनल हुआ। पंकज जौली का नाम हवा-हवाई साबित हुआ।

राहुल देव ने दिया इस्तीफा

मेरठ में टिकट बंटवारे से असंतुष्ट मेरठ के पूर्व जिला अध्यक्ष राहुल देव ने पार्टी से त्याग-पत्र दे दिया है। राहुल देव सरधना क्षेत्र में महीनों से सक्रिय थे। बताते हैं कि पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज करने पर उन्होंने पार्टी छोड़ी। सिवालखास से पार्टी के किसी कार्यकर्ता को उम्मीदवार नहीं बनाने पर इंटरनेट मीडिया पर अखिलेश के दबाव में झुके जयंत और पार्टी में उपज रहे असंतोष का खामियाजा जैसे संदेश वायरल होते रहे।

अमेरिका की एटलांटा विवि से एमबीए हैं मनीषा

कैंट से रालोद प्रत्याशी मनीषा अहलावत जैन ने मेरठ कालेज से बीएससी जबकि अमेरिका की जार्जिया एस्टेट यूनिवर्सिटी आफ एटलांटा से मार्केटिंग एंड इन्फार्मेशन सिस्टम में एमबीए किया है। उन्हें 25 साल का कार्य अनुभव है। पति अजय जैन दिल्ली में बिल्डर हैं। मनीषा ने बताया कि किसान आंदोलन में उन्होंने गाजीपुर बार्डर पर किसानों के साथ धरना दिया था। स्कूल आफ नेचर संस्था के जरिए वह ग्रामीण बालिकाओं की साक्षर बनाने पर काम कर रही हैं। बताया कि वह सरधना सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं। क्षेत्र में सक्रिय भी रही हैं। उनका कहना है, शिक्षित महिलाओं को राजनीति में आने की जरूरत है।

दिल्ली में रालोद कार्यालय पर नारेबाजी

सिवालखास की सीट पर गुलाम मोहम्मद को उतारने के फैसले के विरोध में दिल्ली में रालोद कार्यालय पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताते हुए गुलाम मोहम्मद के खिलाफ नारेबाजी की। इसके वीडियो भी वायरल हुए। मेरठ में सिवालखास एकमात्र ऐसी सीट है जिस पर पूरे जनपद की रालोद की राजनीति की सूई घूमती है। रालोद मेरठ में अधिकांश पदाधिकारी और कार्यकर्ता इसी क्षेत्र के हैं। इस सीट पर सबसे प्रमुख दावेदार डा. राजकुमार सांगवान, यशवीर सिंह, सुनील रोहटा और विनय मल्लापुर थे। डा. राजकुमार सांगवान का टिकट फाइनल माना जा रहा था। उन्होंने और सुनील रोहटा ने तो नामांकन पत्र भी खरीद लिए थे। दोनो क्षेत्र में लंबे समय से प्रचार और जनसंपर्क में जुटे थे। आलाकमान के निर्देश पर पूर्व जिला अध्यक्ष राहुल देव भी सरधना विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय थे। हस्तिनापुर से नरेंद्र खजूरी भी दावेदारी ठोक रहे थे। सबको उम्मीद थी कि सपा यह सीट तो रालोद को दे ही देगी लेकिन गुलाम मोहम्मद की पैरवी सब पर भारी पड़ गई। प्रत्याशियों को सबसे बड़ा मजाक गुलाम मोहम्मद को रालोद का प्रत्याशी बनाना लग रहा है, जबकि इस सीट पर रालोद के सक्षम उम्मीदवार सालों से मेहनत में जुटे हैं।

जिला अध्यक्ष मतलूब गौड़ कहते हैं कि कार्यकर्ताओं में असंतोष है। राहुल देव ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है, पर हम आलाकमान के निर्णय से बंधे हैं। असंतुष्टों को मनाकर गठबंधन का चुनाव लड़ाया जाएगा। 

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