शामली से गांवड़ी प्लांट पहुंची ट्रोमल मशीन, हुआ ट्रायल

कचरे के निस्तारण के लिए गांवड़ी प्लांट स्थित बैलेस्टिक सेपरेटर प्लांट में अब ट्रोमल मशीन भी जुड़ गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Dec 2020 01:40 AM (IST) Updated:Sat, 26 Dec 2020 01:40 AM (IST)
शामली से गांवड़ी प्लांट पहुंची ट्रोमल मशीन, हुआ ट्रायल
शामली से गांवड़ी प्लांट पहुंची ट्रोमल मशीन, हुआ ट्रायल

मेरठ, जेएनएन। कचरे के निस्तारण के लिए गांवड़ी प्लांट स्थित बैलेस्टिक सेपरेटर प्लांट में अब ट्रोमल मशीन भी जुड़ गई। यह मशीन कचरे में मिली मिट्टी और कंपोस्ट को अलग कर देगी। नगर निगम मिट्टी का उपयोग भराव में करेगा। जबकि कंपोस्ट किसानों को निश्शुल्क प्रदान करेगा।

शामली से लायी गई ट्रोमल मशीन का शुक्रवार को ट्रायल किया गया। नगर आयुक्त मनीष बंसल, सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह ने ट्रायल देखा। ट्रोमल मशीन को बैलेस्टिक सेपरेटर से जोड़ा गया है। बैलेस्टिक सेपरेटर कूड़े को तीन भाग में बांटता है। एक भाग इनर्ट( ईंट-पत्थर) में, दूसरा भाग आरडीएफ (प्लास्टिक व पालीथिन कचरा) और तीसरे भाग में मिट्टी-कंपोस्ट बचे हुए अपशिष्ट के साथ निकलती है। ट्रोमल तीसरे भाग वाले मिट्टी-कंपोस्ट के साथ निकलने वाले अन्य बचे अपशिष्ट को अलग करेगी। जिससे मिट्टी व कंपोस्ट बिल्कुल कचरा रहित निकलेगी। बैलेस्टिक व ट्रोमल तकनीक से कचरे को कई हिस्सों में बांटकर उसकी एक तरह की छंटाई हो जाएगी। जिससे कचरे को निस्तारित करना आसान होगा। आरडीएफ पहले ही बेचा जाने लगा है। ईंट-पत्थर और अब मिट्टी भराव के काम में ली जाएगी। कंपोस्ट किसानों को निश्शुल्क प्रदान किया जाएगा।

निगम को केंद्र से मिलेगी सब्सिडी : सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार कचरे से उत्पादित कंपोस्ट को किसानों को नि:शुल्क देने पर सब्सिडी प्रदान करेगी। जोकि प्रति टन कंपोस्ट पर 1500 रुपये लगभग निर्धारित है। गांवड़ी प्लांट से कंपोस्ट लेने के लिए किसानों को केवल आधार कार्ड दिखाना होगा। इस तरह निगम की आय भी बढ़ेगी।

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