बदल गई है थानों की रंगत, बन रही सब्जी, छन रहीं पूड़ियां

कोरोना संकट से उपजे हालात में यह मेरठ पुलिस का बिल्कुल अलग चेहरा है। आमजन की सोच से बिल्कुल अलग हटकर पुलिस का यह मानवीय रूप देख लोग इसकी प्रशंसा करते नहीं थक रहे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Mar 2020 03:00 AM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2020 06:09 AM (IST)
बदल गई है थानों की रंगत, बन रही सब्जी, छन रहीं पूड़ियां
बदल गई है थानों की रंगत, बन रही सब्जी, छन रहीं पूड़ियां

मेरठ, जेएनएन। कोरोना संकट से उपजे हालात में यह मेरठ पुलिस का बिल्कुल अलग चेहरा है। आमजन की सोच से बिल्कुल अलग हटकर पुलिस का यह मानवीय रूप देख लोग इसकी प्रशंसा करते नहीं थक रहे। 'उप्र पुलिस सदैव आपकी सेवा में तत्पर' के स्लोगन को मेरठ पुलिस इन दिनों पूरी तरह चरितार्थ कर रही है। महिला व पुरुष पुलिसकर्मी इन दिनों थानों में जरूरतमंदों के लिए बाकायदा किचेन चला रहे हैं, सब्जियां छौंकी जा रही हैं, पूड़ियां बेली जा रही हैं। कहीं से भी फोन की घंटी बजते ही जरूरतमंद तक मदद पहुंचाई जा रही है। आप घर में हों या बाहर, खाना बनाना हो या फिर पहुंचाना ..सब कुछ हो रहा है पुलिस द्वारा, आपके लिए। इस काम में महिला पुलिसकर्मी ड्यूटी के साथ भी और ड्यूटी के बाद भी 'सेवा' में जुटी हैं।

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सदर थाना : दिन हो या रात,

हम आपके साथ

लॉकडाउन के साथ ही सदर बाजार पुलिस सेवा में जुट गई थी। लोगों को घर पर पहुंचाना हो या फिर खाने का इंतजाम करना हो, बीते पांच दिन से थाना पुलिस दिन-रात लोगों की मदद करने में जुटी है। थाना प्रभारी विजय गुप्ता बताते हैं कि जनता क‌र्फ्यू की शाम से ही पूरी टीम लोगों की मदद करने में जुटी है। लॉकडाउन के पहले और दूसरे दिन करीब एक हजार खाने के पैकेट तैयार हो रहे थे, अब 13 सौ तक पैकेट बन रहे हैं। क्षेत्र में रोडवेज बस अड्डा, रेलवे रोड, रजबन का कुछ क्षेत्र, रविंद्रपुरी और लेखा नगर में सुबह-शाम खाना पहुंचाया जा रहा है। हेल्पलाइन नंबर पर जो कॉल आती हैं, उनको भी राशन और भोजन पहुंचाया जा रहा है। थाने के सभी पुलिसकर्मी दिन-रात लगे हुए हैं। सुबह से ही खाना बनना शुरू हो जाता है।

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नौचंदी थाना : ऑफिस के

साथ संभाली मेस की कमान

लॉकडाउन के बाद से नौचंदी थाने में तैनात महिला पुलिसकर्मी अनु, रीना, प्रेमलता और प्रीति की दिनचर्या बदल गई है। रिपोर्ट दर्ज करने से लेकर जरूरी रजिस्टर पूरे करने, महिला डेस्क की जिम्मेदारी संभालने और अन्य लिखा-पढ़ी के साथ ही मेस में तैयार हो रहा जरूरतमंदों का खाना भी उनके हाथों से होकर गुजर रहा है। जब भी उनको काम से फुर्सत मिलती है तो कोई रोटी बेलने लगती है तो कोई पूरी। कोई खाने को पैक करने लगती है तो कोई व्यवस्था बनाने में जुट जाती है। चार दिन से यह सब उनकी दिनचर्या में जुड़ गया है। ड्यूटी के बाद भी वे पूरे सेवाभाव से लगी हैं। उनका कहना है कि फर्ज के साथ लोगों की ऐसी मदद करने का मौका कभी-कभी मिलता है। थाना प्रभारी आशुतोष कुमार ने बताया कि थाने के सभी पुलिसकर्मियों की मदद से चार सौ से पांच सौ जरूरतमंदों को भोजन वितरित किया जा रहा है। सुबह से शाम तक यही व्यवस्था चल रही है।

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