कैप्सूल बनाने वाली फैक्ट्री में चल रहा था अन्य दवाएं बनाने का गोरखधंधा

मुरारीपुरम् स्थित दवा फैक्ट्री पर बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने दबिश दी। दवा फैक्ट्री के पास कैप्सूल बनाने का लाइसेंस था लेकिन यहां टेबलेट सहित अन्य दवाएं बनाई जा रही थीं। टीम ने करीब बीस लाख की सामग्री बरामद की है। अधिकारियों का कहना है कि दवा फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त करने के साथ मुकदमा भी दायर करने की कार्रवाई होगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 06:00 AM (IST)
कैप्सूल बनाने वाली फैक्ट्री में चल रहा था अन्य दवाएं बनाने का गोरखधंधा
कैप्सूल बनाने वाली फैक्ट्री में चल रहा था अन्य दवाएं बनाने का गोरखधंधा

मेरठ : मुरारीपुरम् स्थित दवा फैक्ट्री पर बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने दबिश दी। दवा फैक्ट्री के पास कैप्सूल बनाने का लाइसेंस था लेकिन यहां टेबलेट सहित अन्य दवाएं बनाई जा रही थीं। टीम ने करीब बीस लाख की सामग्री बरामद की है। अधिकारियों का कहना है कि दवा फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त करने के साथ मुकदमा भी दायर करने की कार्रवाई होगी।

दोपहर करीब दो बजे मुरारीपुरम स्थित जंक्शन फार्मा दवा फैक्ट्री पर अचानक खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त राजेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में औषधि निरीक्षकों की टीम पहुंची। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की दबिश पड़ते ही दवा फैक्ट्री में हड़कंप मच गया। संचालक से पूछताछ और फैक्ट्री में छानबीन की गई। मौके पर टेबलेट सहित अन्य प्रकार की दवाएं भारी मात्रा में पायी गई। जबकि दवा फैक्ट्री को केवल कैप्सूल बनाने का लाइसेंस दिया गया था। इसके साथ ही दवा बनाने वाली कई प्रकार की मशीनें भी पायी गई। जिनकी अनुमति नहीं थी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने बरामद दवाओं और मशीनों को सील कर दिया है। सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि करीब बीस लाख की सामग्री सील की गई है। दवा फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। मुकदमा भी दायर करने की कार्रवाई की जा रही है। कई दिनों पहले दवा फैक्ट्री की शिकायत मिली थी। जिसके बाद दबिश दी गई है। इस दौरान औषधि निरीक्षक बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़ मौजूद रहे। कार्रवाई दोपहर दो बजे से रात साढ़े 11 बजे तक चली।

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