लापरवाही: पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर भी संभलकर चलें, यहां बदइंतजामी का राज है

ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक नियमों का पालन न होने से हादसों का ग्राफ बढ़ रहा है!अधिकतम गतिसीमा 100 किमी. प्रतिघंटा निर्धारित है और यहां वाहन दौड़ते हैं 150 की स्पीड पर

By Taruna TayalEdited By: Publish:Sun, 26 May 2019 03:09 PM (IST) Updated:Sun, 26 May 2019 03:09 PM (IST)
लापरवाही: पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर भी संभलकर चलें, यहां बदइंतजामी का राज है
लापरवाही: पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर भी संभलकर चलें, यहां बदइंतजामी का राज है

मेरठ, जेएनएन। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे देश का अत्याधुनिक एक्सप्रेस-वे है, लेकिन बदइंतजामी ने इसका सफर खतरनाक बना दिया है। यहां अधिकतम गति 100 किमी. प्रतिघंटा निर्धारित है, लेकिन वाहन दौड़ते हैं 150 से ज्यादा की स्पीड पर। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी हादसों का कारण बन रही है। इसे लेकर न तो पुलिस गंभीर है और न राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण। हादसा होने के बाद सरकारी तंत्र नींद से जागता है, लेकिन चंद रोज बाद व्यवस्था पुराने र्ढे पर आ जाती है।

ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन 27 मई-2018 को हुआ था। इससे दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या कम हुई। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश आदि के वाहन दिल्ली में प्रवेश करने के बजाय बाहर से निकलने शुरू हुए तो चालकों को भी काफी सहूलियत हुई। इसी के साथ-साथ एक्सप्रेस वे पर ट्रैफिक नियमों का पालन न होने से दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। न तो स्पीड मापक यंत्र लगे हैं और न शराब पीकर ड्राइविंग करने वालों की रोकथाम की व्यवस्था है। पुलिस का गति मापक यंत्र भी खराब पड़ा है।

वाहनों की अधिकतम गति सीमा 120 से 100

एक्सप्रेस-वे के मेंटीनेंस ऑफिसर राजीव चौहान का कहना है, जब एक्सप्रेस-वे बनाया गया था तो अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रतिघंटा रखी गई थी। इसकी वजह एक्सप्रेस-वे का अत्याधुनिक तकनीक से निर्माण और खतरनाक मोड़ न होना था। हादसों को देखते हुए अब गति सीमा 80 से 100 किमी. प्रति घंटा कर दी है। हालांकि, अभी यहां अधिकतम 120 किमी. गति सीमा के बोर्ड लगे हैं। ये बोर्ड हटवाएं जाएंगे।

प्रतिबंधित वाहन भर रहे फर्राटा

एक्सप्रेस-वे पर बाइक, ऑटो और ट्रैक्टर-ट्राली प्रतिबंधित हैं। बावजूद, ये वाहन दौड़ रहे हैं। इनके चलते कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन पुलिस इन्हें रोकने की जरूरत नहीं समझती और न ही एनएचएआइ के पास ही इन्हें रोक पाने का कोई ठोस प्लान दिखता है।

एक्सप्रेस-वे पर नहीं खड़े होने देंगे वाहन

टीएसआइ : एक्सप्रेस वे पर किनारे वाहन खड़ा करने के लिए नौ ले बाई बनाए गए हैं। इसमें बागपत से दुहाई के बीच मात्र एक ले बाई बड़ागांव में है। बावजूद इसके चालक कहीं भी किनारे वाहन खड़ा कर देते हैं। टीएसआइ लोकेंद्र शर्मा का कहना है कि एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के आदेश पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही नए स्पीड मापक यंत्र आ जाएंगे। इसके बाद तेज रफ्तार वाहन चालकों के चालान किए जाएंगे।

पुलिस नहीं करती चेकिंग

मेंटीनेंस ऑफिसर : एक्सप्रेस-वे के मेंटीनेंस ऑफिसर राजीव चौहान का कहना है कि रोड पर पीआरवी (डायल-100) खड़ी तो रहती हैं लेकिन पुलिस वाहनों की चेकिंग नहीं करती। यदि अभियान चलाकर चेकिंग करे तो प्रतिबंधित वाहन रुकेंगे और हादसों पर भी अंकुश लगेगा।

इन बातों का रखें ध्यान

निर्धारित गति से ही वाहन चलाएं। एक्सप्रेस-वे पर वाहन खड़े न करें।

शराब पीकर ड्राइविंग न करें। सीट बेल्ट जरूर लगाएं। सीट बेल्ट न लगाने पर एयर बैग भी नहीं खुल पाएगा।

वाहन खराब होने पर पार्किंग इंडिकेटर का इस्तेमाल करें।

टायरों की हवा चेक करें। कमजोर टायर तुरंत बदलें।

इन्‍होंने बताया

एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की चेकिंग करना आसान नहीं है। वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का पालन करें तो दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा।

- रणविजय सिंह, एएसपी

सेंसर से पकड़े जाएंगे नशे में वाहन चलाने वाले

मेंटेनेंस आफिसर राजीव चौहान का कहना है कि नशा करके वाहन चलाने वालों को पकड़ने के लिए जल्द ही टोल बूथों पर सेंसर लगेंगे। जैसे ही चालक टोल बूथ पर टोल देने के लिए वाहन का शीशा खोलेगा, सेंसर बता देगा कि वह नशे की हालत में तो नहीं है। नशे में होने पर उसे एक्सप्रेस वे पर चढ़ने की अनुमति नहीं मिलेगी। ओवरलोड वाहनों को रोकने के लिए जल्द ही वेट मशीन भी लगाई जाएंगी। इलेक्ट्रॉनिक स्पीड मापक यंत्र भी लगेंगे। इसके लिए इडोनेशिया की कंपनी से करार हुआ है। कंपनी ने एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण भी कर लिया गया है। स्पीड मापक यंत्र अधिक स्पीड में चलने वाले वाहन की जानकारी टोल बूथ पर देगा। जब चालक वाहन को एक्सप्रेस-वे से नीचे उतारेगा, तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा। 

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