नगर आयुक्त ने किया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण
नगर आयुक्त ने बुधवार को भोला झाल ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया।
मेरठ, जेएनएन। नगर आयुक्त ने बुधवार को भोला झाल ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। इस दौरान नगर आयुक्त को भारी अनियमितताएं मिलीं।
भोला झाल स्थित 100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से मेरठ शहर की जनता को शुद्ध पेयजल की सप्लाई की जाती है, लेकिन पिछले कुछ समय से कर्मचारियों के भुगतान को लेकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सुर्खियों में है। बुधवार शाम नवनियुक्त नगर आयुक्त मनीष बंसल निरीक्षण के लिए प्लांट पर पहुंचे। निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने प्लांट के कर्मचारियों से पानी को साफ करने व शुद्ध जल की सप्लाई के बारे में विस्तार से जानकारी ली। प्लांट की सफाई में निकाली गई सिल्ट को खुले में डालने पर नगर आयुक्त ने नाराजगी जताई। वहीं, नगर आयुक्त ने मौके पर मौजूद नगर निगम व जलकल विभाग के अधिकारियों से प्लांट के रखरखाव के बारे में जानकारी लेते हुए जल्द ही पानी के टैंकों की सफाई के निर्देश दिए।
इन्होंने कहा-
100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण में कई कमियां मिली हैं। दो दिन में सफाई दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। बाउंड्रीवाल टूटी पायी गई है। जिसके निर्माण के निर्देश दिए हैं। महाप्रबंधक जल को निर्देशित किया है कि जल निगम के अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर समुचित व्यवस्था गंगाजल आपूर्ति शुरू होने से पहले कराई जाएगी।
मनीष बंसल, नगर आयुक्त
आधी-अधूरी तैयारियों के साथ तैयार है वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
सफाई के लिए वार्षिक बंदी के बाद गंगनहर में पानी आने में मात्र कुछ ही दिन शेष हैं। इसके बाद भोला झाल स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से मेरठ की जनता को पानी की सप्लाई भी होने लगेगी। अभी तक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के रखरखाव व मशीनों की सफाई का कार्य पूरा नहीं हो पाया है। भोला झाल स्थित 100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से मेरठ शहर की जनता को शुद्ध पेयजल सप्लाई किया जाता है। पिछले कुछ समय से कर्मचारियों के भुगतान को लेकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सुर्खियों में है। भुगतान को लेकर कर्मचारी कई बार प्लांट बंद कर धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। इसके कारण प्लांट की रखरखाव व सफाई व्यवस्था प्रभावित हुई है। प्लांट बंद होने पर महापौर सुनीता वर्मा ने निरीक्षण कर 21 बिंदुओं पर कमी पायी थी और नगर निगम व जल विभाग को कमियों को पूरा करने के निर्देश दिये थे। प्लांट को चलने में कुछ दिन शेष हैं, लेकिन प्लांट में नाममात्र ही सफाई व रखरखाव का काम हो पाया है। अभी तक केवल सेटलिंग बेसिन की सफाई व कुछ जगह मरम्मत का कार्य हो पाया है। जिन सीएफएल टैंकों से होकर पानी मशीनों में जाता है, उनमें सिल्ट व गंदगी जमी हुई है। पानी को साफ करने वाली मशीनों में भी जंग लगा हुआ है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की हालत देखकर लगता है कि इस बार नगरवासियों को जल्द ही शुद्ध पेयजल मिलना मुश्किल है।