राहत की बात : परेशान होने की जरुरत नहीं... मेरठ में अगले पांच दिन नहीं होगी आक्सीजन की कमी

मेरठ के कमिश्नर सुरेंद्र सिंह का कहना है कि शुक्रवार को मेरठ में 45 टन आक्सीजन अस्पतालों और होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को उपलब्ध कराई गई है। मेरठ में अगले पांच दिन के लिए आक्सीजन की व्यवस्था कर ली गई है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Sat, 01 May 2021 02:37 PM (IST) Updated:Sat, 01 May 2021 02:37 PM (IST)
राहत की बात : परेशान होने की जरुरत नहीं... मेरठ में अगले पांच दिन नहीं होगी आक्सीजन की कमी
मेरठ में अगले पांच दिनों तक ऑक्‍सीजन की नहीं होगी कमी।

मेरठ, जेएनएन। मेरठ जनपद और मंडल में आक्सीजन की किल्लत की समस्या अब काफी हद तक नियंत्रण में कर लिए जाने का दावा प्रशासन ने किया है। कमिश्नर सुरेंद्र सिंह का कहना है कि शुक्रवार को मेरठ में 45 टन आक्सीजन अस्पतालों और होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को उपलब्ध कराई गई है। मेरठ में अगले पांच दिन के लिए आक्सीजन की व्यवस्था कर ली गई है। लिहाजा किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। अस्पताल और होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए निरंतर आक्सीजन उपलब्ध होती रहेगी। किसी को भी घर में आक्सीजन का स्टाक रखने की जरुरत नहीं है।

कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मेरठ में सिलेंडरों में गैस भरने वाले चारों प्लांट 24 घंटे काम कर रहे हैं तथा अपनी पूरी क्षमता से आक्सीजन उपलब्ध करा रहे हैं। शुक्रवार को 21 टन आक्सीजन देहरादून से नियमित रूप से मिली। आइनाक्स मोदीनगर से भी निर्धारित से ज्यादा आक्सीजन मिली। लखनऊ के हिस्से की भी दस टन आक्सीजन आज मेरठ मंडल को मिली। इसमें से शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा और गाजियाबाद को उपलब्ध कराई गई। उन्होंने बताया कि मेरठ में अगले पांच दिन के लिए आक्सीजन का इंतजाम कर लिया गया है। दो खाली कैप्सूल शुक्रवार रात में एयरलिफ्ट कराकर स्टील अथारिटी आफ इंडिया के जमशेदपुर झारखंड प्लांट के लिए भेजे गए हैं। दो कैप्सूल शनिवार सुबह को भेजे जाएंगे। जो कि नोएडा और मथुरा के लिए हैं। ये सभी रांची एयरपोर्ट पर उतरेंगे। दो कैप्सूल 33 टन आक्सीजन लाएंगे। आज शनिवार शाम तक राउरकेला उड़ीसा से भी 17 टन आक्सीजन का कैप्सूल मेरठ पहुंच जाएगा।

मेडिकल कालेज में लगे पोस्टर : मेडिकल कालेज में भर्ती मरीजों के स्वजन भी आक्सीजन गैस के सिलेंडर लेकर भटक रहे थे। जबकि वहां सेंट्रलाइज आक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था है। प्रत्येक बेड पर पाइप लाइन है। कमिश्नर ने बताया कि मेडिकल कालेज परिसर में आक्सीजन का सिलेंडर लेकर घूमने पर रोक लगा दी गई है। शुक्रवार को वहां पोस्टर भी लगा दिए गए हैं। इसमें लिखा है कि मेडिकल में आक्सीजन सिलेंडर लाने की जरूरत नहीं है।

पाजिटिविटी दर कम हुई : कमिश्नर ने बताया कि मंडल की पाजिटिविटी दर में सुधार आ रहा है। यह कम होती जा रही है। शुक्रवार की रिपोर्ट के मुताबिक एंटीजन में यह 6.22 तथा आरटी पीसीआर जांच में यह 22 फीसद है।

खत्म हुआ अस्पतालों का डबल गेम, मिली राहत

कमिश्नर ने बताया कि कुछ अस्पताल मरीजों के लिए आक्सीजन की खुद मांग प्रशासन से कर रहे थे वहीं आक्सीजन की जरूरत का पर्चा बनाकर मरीजों के तीमारदारों को भी दे रहे थे। इसी कारण अव्यवस्था फैली थी। अब सभी अस्पतालों को चेतावनी जारी की गई है। मरीज को आक्सीजन के सिलेंडर की जरूरत का पर्चा लिखकर देने वाले अस्पताल पर कड़ी कार्रवाई होगी। इसके लिए अलाउंटमेंट भी कराया गया है। जिससे खासी राहत मिली है।

रेमडेसिविर की किल्लत खत्म

कमिश्नर ने बताया कि मंडल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत भी अब खत्म हो गई है। रोजाना 4000 इंजेक्शन का आवंटन होता है। शुक्रवार शाम को 3 हजार अतिरिक्त इंजेक्शन आवंटित हो गए हैं। अब कई दिन तक तक संकट नहीं होगा।

मिमहेंस के खिलाफ जांच

मरीज से आक्सीजन सिलेंडर मंगाने के आरोप में गढ़ रोड स्थित मिमहेंस अस्पताल के विरुद्ध डीएम ने जांच बैठा दी है। डीएम ने बताया कि इस अस्पताल को प्रशासन रोजाना गैस की आपूर्ति करा रहा है। 

chat bot
आपका साथी