मीवा के युवाओं में सेना में जाकर देश सेवा का जुनून

देश सेवा की भावना से अभिभूत गांव मीवा के अधिकांश युवा सेना पुलिस में सेवारत हैं। जबकि अन्य उनसे उनसे प्रेरणा लेकर सेना व सुरक्षा बलों में करियर बनाने में जुटे हैं।

By Edited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 08:00 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 09:34 AM (IST)
मीवा के युवाओं में सेना में जाकर देश सेवा का जुनून
मीवा के युवाओं में सेना में जाकर देश सेवा का जुनून

मेरठ, जेएनएन। देश सेवा की भावना से अभिभूत गांव मीवा के अधिकांश युवा सेना, पुलिस में सेवारत हैं। जबकि अन्य उनसे उनसे प्रेरणा लेकर सेना व सुरक्षा बलों में करियर बनाने में जुटे हैं। गांव के कई लोग उच्च पदों पर कार्यरत हैं जो गांव का गौरव बढ़ा रहे हैं। गांव मीवा मवाना से पांच किलोमीटर दूर मां भद्रकाली मंदिर जाने वाले मार्ग पर स्थित है। पांच हजार की आबादी वाले गुर्जर बहुल गांव में 60 प्रतिशत गुर्जर व अन्य में ब्राह्मण, अनुसूचित जाति व कुछ मुस्लिम परिवार भी निवास करते हैं। गांव निवासी नागरिक अधिकार मंच के राष्ट्रीय महासचिव डा. रामकुमार शर्मा बताते हैं कि गांव के युवाओं में देश सेवा की भावना है।

इस गांव के लगभग 70 युवा सेना, पुलिस में सेवारत है। गांव निवासी कृष्ण कुमार सेना में लेफ्टिनेंट हैं। जबकि आदेश नेवी में सर्विस कर रहे हैं। करीब 35 युवा खेतीबाड़ी में परिजनों के साथ हाथ बंटाने के साथ ही पुलिस व आर्मी की तैयारी भी कर रहे है। वहीं मुन्नालाल कमिश्नर रह चुके हैं। ब्रिटिश काल में नंबरदार रहे दुर्गा प्रसाद शर्मा गांव निवासी दुर्गा प्रसाद शर्मा ने 1930 में एमएससी की थी और वे गांव पूठी, चितमानाशेरपुर, करीमपुर, भंडोरा, मीवा समेत गांव पर नंबरदार रहे थे। गांव में स्थित 52 दरवाजे के नाम से एक हवेली थी, जहां पर वह विवादों का भी निपटारा किया करते थे, लेकिन आज उस हवेली की जगह मकान बन गए हैं। उन्हें लोग बाबूजी के नाम से पुकारा करते हैं। शिक्षा में भी पीछे नहीं रहा गांव शिव कुमार शर्मा व विष्णुदत्त बताते कि इस गांव में प्राथमिक विद्यालय के अलावा नेहरू स्मारक इंटर कालेज है। इंटर कालेज की स्थापना पूर्व प्रधानाचार्य उमा शंकर शर्मा द्वारा की गई थी।

प्रारंभ में इसमें मात्र आठ बच्चे थे, लेकिन आज इस कालेज में मीवा के अलावा क्षेत्र के कई गांव के बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं। उमा शंकर ने बताया कि वह कालेज से वर्ष 2002 में प्रधानाचार्य पद से रिटायर हुए। गांव में है ब्रिटिश काल का शिव मंदिर मंदिर के पुजारी शिवगिरी महाराज व रामोतार शर्मा बताते कि गांव के बीच स्थित शिव मंदिर लगभग 80 वर्ष पुराना है। जहां नवरात्र की सप्तमी को मेला लगता है व अन्य आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। मंदिर परिसर में ही शनिदेव, हनुमान, मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित है। यहां पूजा-अर्चना से मनोकामना पूर्ण होती है।

मेव से मीवा पड़ा गांव का नाम पंडित रामकुमार शर्मा, पूर्व प्रधान जगवीर ¨सह व रामभूल ¨सह बताते हैं बुजुर्ग बताते थे कि मुगल शासन में इस गांव को मेव कहा जाता था, जो समय बीतने के साथ गांव मीवा कहा जाने लगा है। पहले यह गांव गंगा खादर के खोले में हुआ करता था। ग्राम प्रधान तीर्थराम कहते हैं गांव में सभी लोग मेलजोल से रहते हैं और विवादों को गांव में ही निपटाने का प्रयास किया जाता है।

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