सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मेरठ में मेनका सिनेमा की पैमाइश, साथ में सील हुआ महफिल रेस्टोरेंट

Maneka Cinema in Meerut मेरठ में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कड़ी सुरक्षा में रिसीवर को दिलाया गया मेनका सिनेमा पर कब्जा। महफिल रेस्टोरेंट के स्वामी ने हक जताया पुलिस बोली कोर्ट में रखें पक्ष। पैमाइश के दौरान यहां बड़ी संख्‍या में आला अफसर भी मौजूद रहे।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sun, 29 May 2022 10:30 AM (IST) Updated:Sun, 29 May 2022 10:30 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मेरठ में मेनका सिनेमा की पैमाइश, साथ में सील हुआ महफिल रेस्टोरेंट
Maneka Cinema in Meerut मेरठ के मेनका सिनेमा में कड़ी सुरक्षा के बीच पैमाइश हुई।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ में देहलीगेट थाना क्षेत्र में घंटाघर के पास स्थित मेनका सिनेमा की जमीन पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शनिवार को पुलिस और प्रशासन की टीम ने रिसीवर अधिवक्ता का कब्जा करा दिया। पैमाइश के दौरान महफिल रेस्टोरेंट की जमीन भी मेनका सिनेमा के भूक्षेत्र में मिला। उसे भी सील करके कब्जा रिसीवर को दे दिया गया।

लोगों की भीड़ जमा रही

महफिल रेस्टोरेंट के मालिक ने हक जताया तो पुलिस ने उन्हें कोर्ट में ही अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शनिवार को पैमाइश और कब्जा दिलाने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट अमित कुमार भट्ट, एसडीएम सदर संदीप भागिया, सीओ कोतवाली अरविंद कुमार चौरसिया, तहसीलदार सदर और कानूनगो लेखपाल आदि मौके पर पहुंचे। हालांकि मेनका की पैमाइश के दौरान आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। प्रशासन ने बड़ी संख्या में पुलिस बल लगाकर भीड़ को हटाया और पैमाइश करा दी।

अपना ताला लगा दिया

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त रिसीवर आर वेकंटरमणी अधिवक्ता की ओर से उनके प्रतिनिधि के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता एस के सिंह पहुंचे थे। पैमाइश के बाद उन्होंने कब्जा प्राप्त किया और अपना ताला लगा दिया। संपत्ति पर कई स्थानों पर सूचना पट्ट और बोर्ड लगाकर सभी को चेतावनी दी गई कि कोई भी दोबारा से मेनका सिनेमा की चारदीवारी में प्रवेश नहीं करेगा। सिटी मजिस्ट्रेट अमित भट्ट और सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि सुरक्षा के लिए पुलिस बल लगाया गया था। एसडीएम सदर के नेतृत्व में पैमाइश कराकर कब्जा दिलाया गया।

यह था मामला

मेनका सिनेमा काफी पुराना है। वर्ष 1945 में इसे शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था। यह आम्रपाली ग्रुप के पास था। आम्रपाली ग्रुप की कंपनियां डिफाल्टर घोषित हुई तो उनमें एक कंपनी यह सिनेमा भी थी। सिनेमा लंबे समय से बंद है। सितंबर 2018 में गुपचुप ढंग से इसकी इमारत का पिछला हिस्सा ध्वस्त कर दिया गया। बगैर अनुमति ध्वस्तीकरण करने पर फिलहाल सिनेमा सील है। नगर निगम के रिकार्ड में सिनेमा हाल के मालिकाना हक में परिवर्तन किया गया। पहले नादिर अली का नाम स्वामी के रूप में दर्ज रहा। वर्ष 2009 में हाईटेक सिटी डेवलपर्स प्रा. लि. के डायरेक्टर पुरुषोत्तम चौबे का नाम दर्ज किया गया। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो रिसीवर नियुक्त कर दिए। 

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