अब नहीं बच पाएंगे हिडन को दूषित करने वाले कस्बे

हिडन नदी के पानी की गुणवत्ता सुधारने के लिए भले ही एनजीटी गंभीर हो। इसके सुधार कार्यो की मॉनिटरिग न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति र रही हो।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 06:22 AM (IST)
अब नहीं बच पाएंगे हिडन को दूषित करने वाले कस्बे
अब नहीं बच पाएंगे हिडन को दूषित करने वाले कस्बे

मेरठ । हिडन नदी के पानी की गुणवत्ता सुधारने के लिए भले ही एनजीटी गंभीर हो। इसके सुधार कार्यो की मॉनिटरिग न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति रही हो। पूर्व मंडलायुक्त डा. प्रभात कुमार ने इसके लिए विशेष अभियान चलाया हो, लेकिन मेरठ जनपद के सभी कस्बे हिडन के पानी को दूषित करने में जुटे हैं। ऐसी 9 नगर पंचायतों और दोनों नगर पालिकाओं के अधिशासी अधिकारियों को उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़ा नोटिस जारी किया है। जिसमें तत्काल सीवर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना की कार्ययोजना पेश करने का निर्देश दिया है। इन सभी को बोर्ड से घरेलू जल मल के निस्तारण के लिए जल अनुमति भी प्राप्त करनी होगी।

हिडन नदी के पानी की गुणवत्ता के सुधार के लिए एनजीटी पिछले लंबे समय से प्रयासरत है। इसके लिए तमाम सख्ती और उपाय के आदेश दिए गए हैं। इसके बावजूद मेरठ जनपद के विभिन्न कस्बे (नगर पालिका और नगर पंचायतें) सुधरने को तैयार नहीं हैं। इन कस्बों से निकलने वाले घरेलू जल-मल व अन्य दूषित पानी को सीधे नाले और नदी में डाला जा रहा है। उन्हें ऐसा न करने तथा इस घरेलू जल-मल के ट्रीटमेंट के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने का आदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कई बार जारी कर चुका है।

अब उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी एन के चौहान ने मेरठ जनपद की 9 नगर पंचायतों और दोनों (सरधना व मवाना) नगर पालिकाओं के अधिशासी अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। जिसकी प्रति उन्होंने डीएम को भी भेजी है। नोटिस में उन्होंने नगर पंचायत का घरेलू जल-मल बिना शुद्धिकृत किये ही नदी, नाले में डालने और बार बार आदेश के बावजूद सीवर ट्रीटमेंट के इंतजाम न करने पर नाराजगी जताई है।

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तत्काल तैयार करें योजना, वरना कार्रवाई

मुख्य पर्यावरण अधिकारी ने अपने नोटिस में तत्काल समुचित क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना हेतु उ.प्र. जल निगम से योजना व समयबद्ध कार्यक्रम तैयार कराकर प्रेषित करने का आदेश दिया है। साथ ही ऐसा न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। सीवेज के निस्तारण हेतु जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 25/26 के अंतर्गत जल सहमति भी प्राप्त करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।

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नोटिस से मचा हड़कंप

नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में प्रदूषण बोर्ड के नोटिसों से हड़कंप मच गया है। अब अधिकारी अपनी जान बचाने के रास्ते तलाश करने लगे हैं।

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इन निकायों के अधिशासी अधिकारियों को नोटिस

1. नगर पंचायत सिवाल खास

2. नगर पंचायत खिवाई

3. नगर पंचायत हस्तिनापुर

4. नगर पंचायत दौराला

5. नगर पंचायत फलावदा

6. नगर पंचायत खरखौदा

7. नगर पंचायत किठौर

8. नगर पंचायत करनावल

9. नगर पंचायत लावड़

10. नगर पालिका सरधना

11. नगर पालिका मवाना

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इन्होंने कहा..

प्रदूषण बोर्ड के नोटिस अभी प्राप्त नहीं हुए हैं। हिडन के लिए मुश्किलें पैदा करने वाले सभी निकायों पर सख्त कार्रवाई होगी।

अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी

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नाले में बहा रहे दूषित पानी

जहां एक ओर प्रदूषण बोर्ड नगर निकायों पर सख्ती कर रहा है वहीं शताब्दीनगर से सटे उद्योगों से निकलने वाला दूषित पानी सीधे नालों में बहाया जा रहा है। आसपास के लोग इस पानी में केमिकल और तेजाब मिला होने की शिकायतें करते हैं। वे दुर्गध से परेशान हैं। लेकिन किसी स्तर से कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

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