खुफिया रिपोर्ट से हुआ साफ, दिल्ली हिंसा में मेरठ जोन से नहीं गया कोई उपद्रवी Meerut News
मेरठ जोन से शासन को भेजी गई खुफिया रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार दिल्ली हिंसा में मेरठ जोन को कोई उपद्रवी शामिल नहीं है।
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली हिंसा में दिल्ली पुलिस ने 1100 उपद्रवियों को चिह्नित किया हैं। इनमें 300 उपद्रवी उत्तर प्रदेश के बताए गए हैं। बाकायदा गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बयान में कहा है कि हिंसा में यूपी के 300 लोगों का हाथ सामने आया है। मेरठ जोन से शासन को जो खुफिया रिपोर्ट भेजी गई है, उसमें दर्शाया गया है कि यहां से कोई भी उपद्रवी दिल्ली हिंसा में नहीं गया है। हिंसा के समय यूपी के बार्डर सील कर दिए गए थे।
दिल्ली हिंसा के आरोपित शाहरुख की शामली से गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने पूरा मामला ही बदल दिया। दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में तीन सौ उपद्रवी उत्तर प्रदेश के बताए हैं, जबकि हिंसा के समय उत्तर प्रदेश का बार्डर सील था। लोनी में बाकायदा आइजी की ड्यूटी प्रदेश सरकार ने लगाई थी, ताकि हिंसा की चपेट में उत्तर प्रदेश का कोई हिस्सा न आ जाए। इसके साथ ही दिल्ली से सटे गाजियाबाद और नोएडा क्षेत्र पर भी निगरानी की जा रही थी। मेरठ के लिसाड़ीगेट के हमजा की हिंसा में मौत पर पुलिस ने रिपोर्ट दी है कि वह परिवार के साथ दिल्ली में रहता था।
वहीं पर चाऊमीन का ठेला लगाता था। हिंसा के समय दिल्ली जाने का उसका कोई औचित्य नहीं था। दरअसल, जोन के आठ जनपदों के सभी कप्तानों ने जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें दिल्ली हिंसा में अपने जनपद के युवकों का जाने से इन्कार किया है।
इन्होंने बताया
दिल्ली की हिंसा के बाद 24 फरवरी को ही उत्तर प्रदेश के बार्डर पर बैरियर लगा दिए थे। ऐसे में मेरठ जोन से दिल्ली की हिंसा में शामिल होने का अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है। अगर यहां से कोई गया है, तो दिल्ली पुलिस साक्ष्य दे। उन्हें पकड़ने में मदद की जाएगी।
- प्रशांत कुमार, एडीजी जोन।