तीसरे पहर का मधुर राग है मुल्तानी

युवा पीढ़ी में भारतीय शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चल रही स्पिक मैके की मुहिम विरासत के तहत बुधवार को दो शिक्षण संस्थानों में शास्त्रीय गायन का कार्यक्रम हुआ। मेरठ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 04:00 AM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 06:03 AM (IST)
तीसरे पहर का मधुर राग है मुल्तानी
तीसरे पहर का मधुर राग है मुल्तानी

मेरठ, जेएनएन। युवा पीढ़ी में भारतीय शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चल रही स्पिक मैके की मुहिम 'विरासत' के तहत बुधवार को दो शिक्षण संस्थानों में शास्त्रीय गायन का कार्यक्रम हुआ। राजा मियां के नाम से पहचान बनाने वाले शास्त्रीय गायक गुलाम हुसैन खान ने बेहतरीन प्रस्तुति दी। सुबह सबसे पहले दीवान पब्लिक स्कूल जागृति विहार में कार्यक्रम हुआ और शाम को बाइपास स्थित एमआइईटी में कार्यक्रम हुआ। इन कार्यक्रमों में गिरीश नलावड़े व डीएन मिश्रा ने तबले व हारमोनियम पर संगत कर राजा मियां का साथ दिया। शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति के साथ राजा मियां ने बच्चों को इसकी जानकारी दी और उनके सवालों के जवाब भी दिए।

हिदुस्तानी वोकल बादशाह की छवि रखने वाले राजा मियां ने छात्र-छात्राओं को बताया कि स्पिक मैके युवाओं में भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए गैर-लाभकारी स्वैच्छिक और राजनैतिक एवं प्रतिभागी युवा आंदोलन की सोसायटी है। राजा मियां आगरा घराने से संबंधित रखते हैं। उन्होंने शास्त्रीय संगीत का ज्ञान अपने गुरु पद्मभूषण उस्ताद खादिम हुसैन खान से लिया है।

एमआइईटी में राजा मियां ने छात्रों के समक्ष राग मुल्तानी पेश किया। इसमें विलंब की बंदिश और दुरुस्त की बंदिश राग पेश किए। उन्होंने बताया कि दिन के तीसरे पहर में अत्यंत मधुर राग राग मुल्तानी स्वर गाया जाता है। राग मुल्तानी गंभीर प्रकृति का राग है। इसमें भक्ति रस की अनुभूति होती है। कलाकारों की प्रस्तुति ने छात्र-छात्राओं का शास्त्रीय संगीत के प्रति नजरिया ही नहीं बदला बल्कि मंत्रमुग्ध कर दिया। बातचीत के क्रम में राजा मियां ने बच्चों को भारतीय शास्त्रीय संगीत की जानकारी भी दी। दीवान पब्लिक स्कूल में निदेशक एचएम राउत ने कलाकारों का स्वागत किया और एमआइईटी में चेयरमैन विष्णु शरण सहित अन्य पदाधिकारियों ने स्वागत व अभिनंदन किया।

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