बुलंदशहर में आरोपित की गिरफ्तारी नहीं होने से क्षुब्‍ध युवती ने घर पर फांसी लगाकर दी जान Bulandshahr News

बुलंदशहर के एक गांव में एक दुष्कर्म पीड़िता युवती ने गुरुवार की रात घर में ही फांसी लगाकर जान दी। करीब डेढ़ साल पहले गांव के ही युवक ने दुष्कर्म किया था।

By Prem BhattEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 11:29 AM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 12:08 PM (IST)
बुलंदशहर में आरोपित की गिरफ्तारी नहीं होने से क्षुब्‍ध युवती ने घर पर फांसी लगाकर दी जान Bulandshahr News
बुलंदशहर में आरोपित की गिरफ्तारी नहीं होने से क्षुब्‍ध युवती ने घर पर फांसी लगाकर दी जान Bulandshahr News

बुलंदशहर, जेएनएन। थानाक्षेत्र के एक गांव की रहने वाली दुष्कर्म पीड़िता ने शुक्रवार की सुबह अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवती इस बात से दुखी थी कि जिस युवक ने उसके साथ दुष्कर्म किया। उसे पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार नहीं किया। युवती खुद कई बार पुलिस अधिकारियों के साथ साथ थाने के चक्कर लगा चुकी थी। परिजनों का कहना है कि इसी गलानि में युवती ने आत्महत्या की है। हालांकि एसएसपी का कहना है कि युवक ने अपनी गिरफ्तारी पर स्टे लिया हुआ था। मुकदमे में युवक के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी गई है।

अफसरों के चक्‍कर भी काटे थे

दरअसल, शुक्रवार की सुबह युवती का पिता राशन लेने के लिए किसी दुकान पर गया था। मां भी घर पर नहीं थी और भाई भी इधर-उधर गए थे। युवती अपने घर पर अकेली थी। सबसे पहले पिता घर पर लौटकर आए। उसने युवती को आवाज लगाई, लेकिन वह कमरे से बाहर नहीं आई। इसके बाद कमरे में जाकर देखा तो युवती कमरे की छत के कुंडे पर लटकी थी। पिता ने आसपास के लोगों को बुलाया। बीबीनगर थाना प्रभारी रामभवन सिंह भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने परिजनों से आत्महत्या का कारण पूछा। पिता ने बताया कि जनवरी 2019 में गांव के ही एक युवक ने उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। यह युवक अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ है। कई बार उसकी बेटी पुलिस अधिकारियों के आफिसों के चक्कर लगाती रही, लेकिन उसकी किसी ने एक नहीं सुनी। इसी कारण वह रोजाना अपने पिता से भी बोलती थी कि आरोपित का कुछ नहीं बिगड़ा है। उसे बेहद शर्म आती है।

यह बोले एसएसपी

एसएसपी संतोष कुमार सिंह का कहना है कि युवती ने एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में मामले की जांच हुई तो पता चला कि परिवार ओबीसी है। इसलिए डीएम के निर्देश पर एक बोर्ड बैठा और बोर्ड ने निर्णय लिया कि एससी-एसटी एक्ट हटाई जाए। गलत लगी है। जब तक यह कार्रवाई हुई। तब तक युवक गिरफ्तारी पर स्टे ले आया। मुकदमे में युवक के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दे दी गई है।

chat bot
आपका साथी