सत्र शून्य हुआ तो बंद हो जाएंगे सेल्फ फाइनेंस बीएड कॉलेज, कुलपति से मदद की गुहार
लॉकडॉउन में सीसीएसयू से जुड़े सेल्फ फाइनेंस बीएड कॉलेजों के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। बीएड की प्रवेश प्रक्रिया इस सत्र की अधर में लटकी हुई है।
मेरठ, जेएनएन। लॉकडॉउन में सीसीएसयू से जुड़े सेल्फ फाइनेंस बीएड कॉलेजों के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। बीएड की प्रवेश प्रक्रिया इस सत्र की अधर में लटकी हुई है। कॉलेजों को पहले की फीस नहीं मिली है। बीएड की प्रवेश परीक्षा कराने वाली यूनिवर्सिटी के पास सारा पैसा फंसा हुआ है। तो दूसरी ओर शासन के निर्देश पर सीसीएसयू ने सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में शिक्षकों का न्यूनतम वेतन तय कर भुगतान करने को कहा है। कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कॉलेजों की चिंता सताने लगी है कि अगर सत्र शून्य हो गया तो क्या होगा? कॉलेज संचालकों ने कुलपति से इसमें पहल करने की मांग की है।
शासन से पैसा रिलीज नहीं
शिक्षक नेता डॉ ज्ञानेंद्र शर्मा का कहना है कि बीएड सत्र 2015, 2016, 2017 का पैसा कॉलेजों को नहीं मिला है। काउंसिलिंग में छात्रों ने बीएड की जो फीस जमा की थी। वह प्रवेश परीक्षा लेने वाली यूनिवर्सिटी के पास है। शासन से पैसा रिलीज नहीं किया गया। इस समय कॉलेज बंद है। बीएड में प्रवेश नहीं हुए। जिन छात्रों की फीस बकाया थी, वह सीसीएसयू से मार्कशीट ले रहे हैं। कॉलेजों के सामने अब बड़ी चुनौती है।
कुलपति से यह मांग
कॉलेजों ने कुलपति से मांग की है कि जिन विषयों की परीक्षा हो गई है, उन कापियों की कोडिंग करके मूल्यांकन के लिए शिक्षकों के घर पर भेजा जाए। इससे मूल्यांकन कार्य पूरा होगा और रिजल्ट जल्द निकल पाएगा। उनका कहना कॉलेज बीएड सत्र शून्य होता है तो मेरठ के कई बीएड कॉलेज जो पहले से ही खस्ताहाल हैं, उनमें ताला लटकाने के लिए मजबूर होंगे।