मेरठ : गन्ना अधिकारियों और कर्मचारियों को दी गई ट्रेनिंग,यह अहम जानकारियां बताईं

पांडव नगर स्थित गन्ना भवन के सभागार में सहकारी गन्ना विकास समितियों के ईआरपी माड्यूल 04 व 05 के अंतर्गत कृषि निवेश वितरण (स्टोर एवं पर्चेज) ऋण वितरण एवं ब्याज अनुदान कर्मचारियों के पेरोल बजटिंग (आय-व्यय) आदि के संबंध में जानकारी दी गईं।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 11:00 AM (IST) Updated:Fri, 29 Jan 2021 11:00 AM (IST)
मेरठ : गन्ना अधिकारियों और कर्मचारियों को दी गई ट्रेनिंग,यह अहम जानकारियां बताईं
मेरठ में उप गन्ना आयुक्त मेरठ की अध्यक्षता में दिया गया प्रशिक्षण।

मेरठ, जेएनएन। उप गन्ना आयुक्त मेरठ की अध्यक्षता में गुरुवार को पांडव नगर स्थित गन्ना भवन के सभागार में मेरठ परिक्षेत्र के सभी गन्ना अधिकारियों से समीक्षा बैठक की गई। बैठक में एमिटी सोफ्टवेयर नोएडा के प्रतिनिधि सूरज सिंह राठौर ने गन्ना विकास परिषदों के इआरपी माड्यूल 04 व 05 के अंतर्गत कर्मचारियों के पेरोल, बजटिंग (आय-व्यय) एवं बैलेंस शीट (कैशबुक/लेजर) का प्रशिक्षण दिया।

इसके अलावा सहकारी गन्ना विकास समितियों के ईआरपी माड्यूल 04 व 05 के अंतर्गत कृषि निवेश वितरण (स्टोर एवं पर्चेज), ऋण वितरण एवं ब्याज अनुदान, कर्मचारियों के पेरोल, बजटिंग (आय-व्यय) एवं बैलेंश शीट (कैशबुक/लेजर) के संबंध में जानकारी देते हुये संबंधित माड्यूल्स पर कार्य किये जाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के समय प्रशिक्षणार्थियों द्वारा कार्य करने में आ रही समस्याओं का निवारण किया गया। प्रशिक्षण बैठक में परिक्षेत्र मेरठ के नोडल अधिकारी संयुक्त गन्ना आयुक्त (समितियां) डा. वीबी सिंह ने आनलाइन माध्यम से बताया कि उत्तर प्रदेश में परिक्षेत्र बरेली, मेरठ एवं देवीपाटन की ईआरपी माड्यूल्स पर कार्य किए जाने की प्रगति सबसे अधिक व अच्छी है।

सहकारी गन्ना विकास समितियों एवं गन्ना विकास परिषदों के कार्यो में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास/गन्ना एवं चीनी आयुक्त उप्र संजय आर भूसरेड्डी के मार्गदर्शन में सहकारी गन्ना विकास समितियों व गन्ना विकास परिषदों को कंप्यूटरीकृत कर ईआरपी माड्यूल 04 व 05 के सब-माड्यूल्स पर कार्य कराया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला गन्ना अधिकारी, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, विशेष सचिव/सचिव प्रभारी सहकारी विकास समिति, एमिटी के परिक्षेत्रीय व जिला प्रतिनिधियों एवं ईआरपी पर कार्य करने वाले विभागीय कार्मिक आदि मौजूद रहे।

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