मौलाना अरशद मदनी ने कहा, शाहीन बाग मामले में हाईकोर्ट जाएगी जमीयत

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि दिल्ली के जहांगीरपुरी के साथ ही उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश गुजरात और उत्तराखंड राज्यों में अतिक्रमण के नाम पर गरीबों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जमीयत ने याचिका दायर कर रखी है।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 11 May 2022 02:42 PM (IST) Updated:Wed, 11 May 2022 02:42 PM (IST)
मौलाना अरशद मदनी ने कहा, शाहीन बाग मामले में हाईकोर्ट जाएगी जमीयत
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी।

सहारनपुर, जागरण संवाददाता। जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत ने शाहीनबाग बाग मामले में हाईकोर्ट जाने का निर्णय लिया है। मंगलवार को जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि दिल्ली के जहांगीरपुरी के साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तराखंड राज्यों में अतिक्रमण के नाम पर गरीबों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जमीयत ने याचिका दायर कर रखी है। मामले में दूसरे पक्ष द्वारा हलफनामा दाखिल न करने के चलते सुनवाई स्थगित कर दी गई है। कहा कि शाहीन बाग मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेने की कोशिश की गई लेकिन कोर्ट ने इन्कार कर दिया। हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं और सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशानुसार अब इस मामले में हाईकोर्ट जाएंगे साथ ही पीड़ितों को भी पक्षकार बनाया जाएगा।

दुष्कर्मी पिता को 10 साल का कठोर कारावास

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अतिरिक्त विशेष सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट) राजेश कुमार ने नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपित पिता को दोषी मानते हुए दस साल के कठोर कारावास और 57 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।

सहायक शासकीय अधिवक्ता चंचल पुंडीर ने बताया कि 15 मई 2016 को आरोपित ने अपनी नाबालिग 11 वर्षीय पुत्री के साथ दुष्कर्म किया था। इसका मुकदमा पीड़ित बच्ची की मां की तरफ से देहात कोतवाली में दर्ज कराया गया था। उसमें दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट और धमकी देने का आरोप था। उस समय आरोपित पिता एयरफोर्स में कार्यरत था। देहात कोतवाली पुलिस ने विवेचना पूरी करके चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की। मंगलवार को इस मामले में अदालत ने अपना फैसला सुनाया। दोनों पक्षों की दलील सुनने और पत्रावली पर आए साक्ष्यों के आधार पर दुष्कर्म के दोषी पिता को 10 साल का कठोर कारावास और 57 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया है।

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