मुन्ना बजरंगी हत्याकांड : युवक ने सीबीआइ को भेजा पत्र, बताया कैसे पहुंची बागपत जेल में पिस्टल

Munna Bajrangi Murder case मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ को एक युवक ने जेल में पिस्टल पहुंचाने के संबंध में जानकारी भरा पत्र भेजा है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Tue, 25 Aug 2020 12:39 AM (IST) Updated:Tue, 25 Aug 2020 12:39 AM (IST)
मुन्ना बजरंगी हत्याकांड : युवक ने सीबीआइ को भेजा पत्र, बताया कैसे पहुंची बागपत जेल में पिस्टल
मुन्ना बजरंगी हत्याकांड : युवक ने सीबीआइ को भेजा पत्र, बताया कैसे पहुंची बागपत जेल में पिस्टल

बागपत, जेएनएन। मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ को एक युवक ने जेल में पिस्टल पहुंचाने के संबंध में जानकारी भरा पत्र भेजा है। युवक ने पत्र में इसकी जानकारी दी है कि कैसे बागपत जेल में पिस्‍टल पहुंचाया गया था। सीबीआई को यह भी जानकारी दी कि कैसे पूरे वारदात को अंजाम दिया गया। युवक ने भेजे पत्र में घटना के कई राज खोलें हैं। बताया है कि पिस्‍टल को किस तरह से छुपाकर ले जाया गया।

नौ जुलाई 2018 को हुई थी हत्‍या

सोमवार को पूरनपूर नवादा गांव के युवक अंकित उर्फ मोनू ने सीबीआइ अधिकारी को भेजे पत्र में बताया कि जिला कारागार में अपराधी मुन्ना बजरंगी की नौ जुलाई 2018 को गोली मारकर हत्या की गई थी। इसका मुकदमा कुख्यात सुनील राठी पर दर्ज किया गया था। साथ ही हत्या में प्रयुक्त पिस्टल को जेल के गटर से बरामद किया था। आरोप है कि इस घटना में प्रयुक्त पिस्टल दिल्ली के एक युवक ने हवन सामग्री में छिपाकर जेल के अंदर अपने रिश्तेदार के पास पहुंचाई थी। यह जानकारी जेल में बंद अपराधी के रिश्तेदार ने ही उनको दी है, जिसकी उसके पास रिकार्डिंग हैं। युवक ने उचित कार्रवाई की मांग की है। उधर, एएसपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है।

सरकार पर उठे थे सवाल

जेल में हत्‍या के बाद से सरकार पर सवाल खड़े होने शूरू हो गए थे। मुन्‍ना बजरंगी हत्‍या में तत्‍कालीन जेलर उदय प्रताप सिंह को बर्खास्‍त कर दिया गया था। यूपी सरकार पर कानून व्‍यवस्‍था को लेकर सवालिया निशान खड़ा होने लगा था। वहीं इस आरोप में सुनील राठी को अपराधी माना गया था।

हत्‍या, लूट और अन्‍य मामलों में आरोपी था मुन्‍ना

बंजरंगी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में हत्या, लूट और डकैती समेत कई ऐसे मामले दर्ज थे। वहीं एक नेता के हत्‍या के मामले में उसी दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होने वाली थी, जिस दिन मुन्‍ना की हत्‍या हुई थी। 

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