मुजफ्फरनगर में मदरसा तालीमुल कुरआन के संस्थापक व धर्मगुरु मौलाना नजीर का बीमारी के बाद देहांत Muzaffarnagar News

जानसठ में मदरसा तालीमुल कुरआन के संस्थापक व धर्मगुरु मौलाना नजीर का बीमारी के बाद रविवार प्रातः निधन हो गया। वह 82 साल के थे। शनिवार को उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था।

By Prem BhattEdited By: Publish:Sun, 02 Aug 2020 11:30 AM (IST) Updated:Sun, 02 Aug 2020 09:38 PM (IST)
मुजफ्फरनगर में मदरसा तालीमुल कुरआन के संस्थापक व धर्मगुरु मौलाना नजीर का बीमारी के बाद देहांत Muzaffarnagar News
मुजफ्फरनगर में मदरसा तालीमुल कुरआन के संस्थापक व धर्मगुरु मौलाना नजीर का बीमारी के बाद देहांत Muzaffarnagar News

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। मदरसा तालीमुल कुरआन के संस्थापक व धर्मगुरु मौलाना नजीर का बीमारी के चलते रविवार सुबह इंतकाल हो गया। वह 82 साल के थे। दोपहर बाद सुपुर्दे खाक कर दिया गया। मौलाना की गिनती इस्लामी दुनिया की नामचीन हस्तियों में होती थी। 

मौलाना नजीर की शनिवार को तबीयत खराब होने पर मुजफ्फरनगर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। रविवार सुबह उनका इंतकाल हो गया। उन्होंने जानसठ में वर्ष 1974 में मदरसे की स्थापना की थी। इसमें देशभर से सैकड़ों बच्चे तालीम ले रहे हैं। मौलाना की पार्थिव देह को पहले उनके पुश्तैनी घर, इसके बाद दोपहर को मदरसे में लाया गया। वहां बड़ी संख्या में महिलाओं समेत लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। दोपहर दो बजे जनाजे की नमाज के बाद मदरसा परिसर में ही सुपुर्दे खाक कर दिया गया। इस दौरान जमीयत उलमा ए ङ्क्षहद के अध्यक्ष मुफ्ती बिन यामीन, हाफिज फुरकान, मोहम्मद मूसा, कारी जाकिर, चेयरमैन प्रवेंद्र भड़ाना, डा. आबिद, डा. साजिद, आशु मलिक समेत हजारों लोग शामिल रहे। 

दंगों के दौरान सपा सरकार ने दी थी वाई श्रेणी सुरक्षा

वर्ष 2013 में जनपद में हुए साम्प्रदायिक दंगों के दौरान मौलाना नजीर खासे चर्चाओं में रहे। कवाल में जाने को लेकर पुलिस से टकराव भी हुआ। उन पर दंगा भड़काने का आरोप भी लगा था। इस बाबत पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। कुछ दिनों बाद अखिलेश सरकार ने उन्हें विशेष विमान से लखनऊ बुलाया था। साथ ही वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। जिस पर हिन्दू संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। योगी सरकार ने सुरक्षा को हटा लिया था। 

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