अधिवक्‍ता हत्‍याकांड : मुकेश को चौदह माह में सुरक्षा नहीं, मिली तो सिर्फ मौत Meerut News

शुक्रवार की रात घर से बाहर टहलने निकले अधिवक्‍ता मुकेश शर्मा की हत्‍या कर दी जाती है। हालांकि उन्‍हें पहले से ही अपनी जान का खतरा था। उन्‍हें सुरक्षा दिलाने का भरोसा भी दिया गया था

By Prem BhattEdited By: Publish:Sat, 19 Oct 2019 11:56 AM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 11:56 AM (IST)
अधिवक्‍ता हत्‍याकांड : मुकेश को चौदह माह में सुरक्षा नहीं, मिली तो सिर्फ मौत Meerut News
अधिवक्‍ता हत्‍याकांड : मुकेश को चौदह माह में सुरक्षा नहीं, मिली तो सिर्फ मौत Meerut News

मेरठ, जेएनएन। चौदह माह से अधिवक्ता मुकेश शर्मा अपनी जान की गुहार लगा रहे थे। बेरहम सिस्टम ने उसकी एक नहीं सुनी। शुक्रवार को घर से दो सौ मीटर की दूरी पर मुकेश की हत्या कर दी गई। उसके बाद डीएम से लेकर कप्तान तक सभी परिवार को सुरक्षा का भरोसा दिलाते दिखाई दिए। भाजपा नेता सुनील भराला के भाई अजय भराला ने बताया कि प्रभारी मंत्री ने सर्किट हाउस में ही मुकेश को सुरक्षा दिलाने का आदेश डीएम से किया था।

तब शायद बच जाती जान

मुकेश की जान को खतरा था, पुलिस और प्रशासनिक अफसरों से लेकर भाजपा के कद्दावर नेताओं को भी इसकी जानकारी थी। उसके बावजूद भी मुकेश को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। परिवार के लोग भी चीख चीख कर रहे थे कि यदि सुरक्षा मुहैया करा दी जाती तो शायद उसकी जान बच सकती थी। अधिवक्ता रामकुमार शर्मा ने बताया कि चौदह माह से भाजपा की प्रत्येक मीटिंग में भी मुकेश सुरक्षा के लिए चिल्लाते रहे। एक मीटिंग में उन्हें सुरक्षा देने के बारे में कहा गया। तब भी प्रशासन ने एक नहीं सुनी।

बिल्डर नासिर से था जान का खतरा

मुकेश शर्मा हमेशा बिल्डर नासिर से जान का खतरा बताता था। सदर बाजार और मेडिकल थाने में नासिर के खिलाफ दर्ज मुकदमे का उदाहरण देकर भी उसने सुरक्षा की गुहार लगाई थी। उसके बावजूद भी किसी ने उसे सुरक्षा मुहैया नहीं कराई।

पिस्टल घर पर रह गया तब भी बदमाशों से भिड़ा मुकेश

मुकेश पर लाइसेंसी पिस्टल है, खाना खाने के बाद घर से निकलते समय मुकेश पिस्टल को घर पर छोड़कर आ गए थे। उसके बावजूद भी मुकेश बदमाशों से करीब दस मिनट तक भिड़े है। परिवार के लोगों का कहना है कि यदि मुकेश पिस्टल साथ लेकर चलते तो शायद हमलावर उन्हें मार नहीं पाते।

लोकेश भी हत्या का आरोप सगे चाचा पर लगा था

2000 में लोकेश की हत्या कभी गांव में ही कर दी गई थी। उसकी हत्या का आरोप भी चाचा नारायण और गांव के शौकत पर लगा था। लेकिन हत्या के राज से आज तक पर्दा नहीं उठ पाया। उसकी हत्या भी जमीनी विवाद को लेकर हुई थी।

पूनम को देखकर बेटियां बोली, तुम यहां से चली जाओ

मुकेश शर्मा की हत्या की जानकारी मिलने के बाद छोटे भाई लोकेश की पत्‍नी पूनम भी आनंद अस्पताल में पहुंची। पूनम को देखते ही मुकेश की बेटियां गुस्से से फूट पड़ी। बोली, तुम यहां से चली जाओ, हमे तुम्हारी सूरत नहीं देखनी है। कुछ देर तक पूनम दूरी बनाकर बैठी रही। उसके बाद मुकेश की सभी बेटियों को कार में बैठाकर गांव ले जाया गया।

परिवार में मचा कोहराम

मुकेश शर्मा की हत्या की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। उनकी आठ बेटियां थी, जिनमें से तीन की शादी हो चुकी है। सभी अस्पताल में मौजूद थे। घर-परिवार और रिश्तेदार भी मौजूद थे। सभी का यही कहना था कि हत्यारों ने पूरे परिवार को बे-दम कर दिया। मुकेश शर्मा शुक्रवार रात खाना खाकर टहलने निकलते थे तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि वह लौटेंगे नहीं। उनके जाने के बाद घर के अन्य सदस्य खाना खा रहे थे। अचानक परिवार को उनके गोली मारे जाने की सूचना मिली। सब घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। वहां से अधिवक्ता को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।

रो रोकर बुरा हाल

इतना सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पांचों बेटियां और पत्नी का रोते-रोते बुरा हाल था। वे बार-बार बेसुध हो रही थी। घर-परिवार के लोग उनको संभालने का प्रयास कर रहे थे। शादीशुदा बेटियां भी पिता की हत्या की जानकारी मिलते ही अस्पताल पहुंच गई थी। उनके आंसू भी नहीं थम रहे थे। मौके पर मौजूद हर आंख नम थी। सभी के होठों पर यही था कि हत्यारों ने बहुत बुरा किया। आठ बेटियों के पिता को मारने वाले का बुरा होगा।

जमीन की रंजिश की बात सामने आई

अधिवक्ता मुकेश शर्मा की हत्या के पीछे परिवार के लोग जमीन की रंजिश बता रहे हैं, अस्पताल में चिल्ला चिल्ला कर गोकलपुर के बिल्डर नासिर पर आरोप लगाए जा रहे है। दरअसल, जून 2018 में भी नासिर उसके ससुर जुबैर तथा साले अमहद को जानलेवा हमले में नामजद किया था। उस मुकदमे में जनवरी में पुलिस आरोप पत्र लगा चुकी है। उसके बाद भी हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। उससे कुछ दिन पहले मेडिकल में भी गांव की सरकारी जमीन को कब्जे का आरोप लगाते हुए नासिर पर मुकदमा दर्ज कराया था।

बंटवारे को लेकर विवाद

मुकेश का आरोप था कि गोकलपुर निवासी नासिर उनके गांव की सरकारी जमीन पर कब्जाने में लगा हुआ है। नासिर के खिलाफ मुकेश ने लगातार मोर्चा खोला है। पहले मेडिकल में उसके खिलाफ सरकारी जमीन कब्जाने का मुकदमा कराया। उसके बाद सदर बाजार में नासिर उसके ससुर और साले को जानलेवा हमले में नामजद कर दिया। परिवार के लोग हत्या का शक नासिर पर ही जता चुके है। पांच माह पहले नासिर ने मुकेश के भाई लोकेश की पत्‍नी पूनम से डेढ़ बीघा जमीन भी खरीदी थी, जिसके बाद नासिर के साथ मुकेश की दुश्मनी और गहरी हो गई थी। हालांकि मुकेश के परिवार तथा लोकेश की पत्‍नी पूनम में भी जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा है। पिछले दो साल से पूनम पल्लवपुरम में किराए के मकान में अपने बेटे और बेटी के साथ रहती है। पुलिस इस हत्याकांड में नासिर के अलावा पूनम को लेकर भी काम कर रही है। हालांकि परिवार के लोग पूनम को क्लीनचिट दे रहे है। उनका आरोप नासिर पर ही है।

अस्सी बीघा जमीन की बुआई कर रहे थे मुकेश

लोकेश और मुकेश पर अस्सी बीघा जमीन है। लोकेश की मौत के बाद जमीन की बुआई मुकेश ही करता आ रहा है। हाल में मकान बनाने के लिए ही पूनम ने नासिर को डेढ़ बीघा जमीन बेच दी है। तब से नासिर के साथ विवाद और बढ़ गया था। अंतरराष्ट्रीय कवियत्री एवं परशुराम शक्ति वाहिनी की राष्ट्रीय महामंत्री तुषा शर्मा ने आरोप लगाया कि मुकेश शर्मा लंबे समय से सरकारी जमीन को लेकर भू-माफियाओं से लड़ाई लड़ रहा था। सुरक्षा की मांग को लेकर वह जिला प्रभारी मंत्री, डीएम और एसएसपी के सामने पेश हुआ। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। उसी का नतीजा यह निर्मम हत्या है। मुकेश के परिवार को 25 लाख रुपये की सहायता तथा एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। 

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