सियासत: किसानों से संवाद के बहाने पश्चिमी में हाथ आजमाएंगी प्रियंका, फरवरी में करेगीं मेरठ का दौरा

Kisan Andolan किसान आंदोलन से निकली सियासी संजीवनी ने कांग्रेस को भी एक्शन में ला दिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा पश्चिमी उप्र में मध्य फरवरी में तीन दिनी दौरा करने वाली हैं। इस दौरान किसानों से संवाद के बहाने पार्टी नई जमीन तैयार करेगी।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Sat, 06 Feb 2021 09:32 AM (IST) Updated:Sat, 06 Feb 2021 01:59 PM (IST)
सियासत: किसानों से संवाद के बहाने पश्चिमी में हाथ आजमाएंगी प्रियंका, फरवरी में करेगीं मेरठ का दौरा
मेरठ समेत वेस्‍ट यूपी का दौरा करेंगी प्रियंका।

[संतोष शुक्ल] मेरठ। किसान आंदोलन से निकली सियासी संजीवनी ने कांग्रेस को भी एक्शन में ला दिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा पश्चिमी उप्र में मध्य फरवरी में तीन दिनी दौरा करने वाली हैं। इस दौरान किसानों से संवाद के बहाने पार्टी नई जमीन तैयार करेगी। प्रियंका के दौरे को लेकर पार्टी कार्यकर्ता तैयारियों में जुटे हैं। प्रदेश इकाई के पदाधिकारी मेरठ में डेरा डाल चुके हैं। इस बहाने पार्टी दूसरे दलों के नाराज चेहरों को भी साधने का जुगत करेगी।

..बेजान पंजे में ताकत भरने की कवायद

कृषि कानून को लेकर नई दिल्ली में विरोध की सियासत गरम है। विरोध में करीब ढाई माह से आंदोलन जारी है। पहले आंदोलन को राजनीतिक दलों ने दूर से समर्थन दिया, लेकिन 26 जनवरी के बवाल के बाद किसानों के मंच पर राजनीति के महारथी नजर आने लगे। गाजीपुर बार्डर पर भारतीय किसान यूनियन के नेता चौधरी राकेश टिकैत से मिलने आम आदमी पार्टी के मनीष सिसौदिया, शिवसेना के संजय राउत, कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना, सुप्रिया सुले और सपा के कई नेता पहुंच गए। वहीं राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के दौरान हुए बवाल को लेकर प्रेस वार्ता की, और मोदी सरकार को घेरा। गाजीपुर बार्डर पर धरने पर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं की धार ने आंदोलन को नए तेवर दिए हैं। पंजाब को पछाड़कर अब पश्चिम उप्र किसान आंदोलन का केंद्र बन गया। नए सियासी हालात में रालोद समेत सभी विपक्षी दल अपनी राजनीतिक जमीन हरी भरी करने में जुट गए हैं। इसी बीच, दशकों से प्रदेश में हाशिए पर चल रही कांग्रेस को फिर से खड़ा करने के लिए प्रियंका नई पटकथा लिखने निकल रही हैं। दौरे को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देने मेरठ पहुंचे कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ने कहा कि फरवरी के मध्य तक प्रियंका वाड्रा मेरठ आ सकती हैं।

..प्रियंका की डगर कठिन

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने प्रियंका को राजनीति में उतारा, लेकिन मोदी मैजिक के आगे कांग्रेस का प्रयास कहीं न टिका। लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका वाड्रा सोशल इंजीनियरिंग को साधने के लिए मेरठ के एक निजी अस्पताल में भर्ती भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर से मिलने पहुंची थीं, लेकिन आगे की बात नहीं बनी। मेरठ और शामली में शहीदों के घर पहुंचीं। उन्होंने लखनऊ में डेरा डालने के साथ ही सहारनपुर लोकसभा सीट के पार्टी प्रत्याशी इमरान मसूद के प्रचार में रोड शो भी किया था। सीएए के उपद्रव में मेरठ में जान गंवाने वाले युवक के घर गईं तो भाजपा समेत दक्षिणपंथी खेमों ने निशाने पर ले लिया। प्रियंका वाड्रा यूपी की राजनीति में बड़े बदलाव के साथ 2022 के विस चुनावों की तैयारी करने जा रही हैं। दो दिन पूर्व रामपुर पहुंचकर प्रियंका ने राजनीतिक पारा गरमाने की कोशिश की। अब वो मेरठ और सहारनपुर मंडलों को मथेंगी। पार्टी कार्यकर्ता उन्हें मुजफ्फरनगर का भी दौरा करवाना चाह रहे हैं, जहां से राजनीतिक संदेश पूरे प्रदेश में पहुंचेगा। अब इसमें कामयाबी कितनी मिलेगी, यह तो वक्त ही बताएगा। 

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