Top Meerut News of the day, 29 th July 2019 : दो लाख कावंड़ियों ने चढ़ाया जल, औघड़नाथ मंदिर में रात से ही जलाभिषेक, अग्निहोत्र से पर्यावरण की शुद्धि की साधना

बागपत में पुरा महादेव मंदिर पर लगे चार दिवसीय श्रावणी मेले के दूसरे दिन सोमवार को दोपहर तक दो लाख कावंड़ियों ने भगवान आशुतोष का जलाभिषेक किया।

By Ashu SinghEdited By: Publish:Mon, 29 Jul 2019 05:20 PM (IST) Updated:Mon, 29 Jul 2019 05:20 PM (IST)
Top Meerut News of the day, 29 th July 2019 : दो लाख कावंड़ियों ने चढ़ाया जल, औघड़नाथ मंदिर में रात से ही जलाभिषेक, अग्निहोत्र से पर्यावरण की शुद्धि की साधना
Top Meerut News of the day, 29 th July 2019 : दो लाख कावंड़ियों ने चढ़ाया जल, औघड़नाथ मंदिर में रात से ही जलाभिषेक, अग्निहोत्र से पर्यावरण की शुद्धि की साधना
मेरठ, जेएनएन। बागपत में पुरा महादेव मंदिर पर लगे चार दिवसीय श्रावणी मेले के दूसरे दिन सोमवार को दोपहर तक दो लाख कावंड़ियों ने भगवान आशुतोष का जलाभिषेक किया। उधर, औघड़नाथ मंदिर में मंदिर के कपाट आज यानी सोमवार सारी रात खुले रहेंगे। रात से जलाभिषेक शुरू हो जाएगा। वहीं भोले बाबा के भक्तों का रेला दिल्ली रोड पर अचानक रुक जाता है। यहां कोई भजन-कीर्तन, घंटा-घड़ियाल या शिवलीला का मंच नहीं लगा है। धुएं की सुगंध भक्तों का ध्यान खींचती है।
पुरा में होती है हर मनकामना पूरी
पुरा गाँव स्थित ऐतिहासिक पुरा महादेव मंदिर पर साल में दो बार श्रावणी और फाल्गुनी मेला लगता है, जिसमें दुरदारज से आकर लाखों कावंड़िए और शिवभक्त भगवान आशुतोष पर जलाभिषेक करते है। मंदिर की मान्यता है कि जो भी भक्त यहा सच्चे मन से मन्नत मांगता है। उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। रविवार से लगे चार दिवसीय श्रावणी मेले के दुसरे दिन सोमवार होने की वजह से सुबह से ही मंदिर बोल-बम की आवाज से गुंजायमान हो गया। पुजारी पंड़ित जयभगवान शर्मा ने बताया कि सोमवार दोपहर एक बजे तक दो लाख से अधिक शिवभक्त मंदिर में जलाभिषेक कर चुके है और शाम को त्रयोदशी लगते ही कांवड़ियों की भीड़ बढ़ना शुरू हो जाएगी।
औघड़नाथ मंदिर में आज रात से चढ़ेगा जल
मात्र गंगाजल से प्रसन्न होने वाले भगवान आशुतोष की आराधना के महापर्व का उल्लास और उत्साह चरम पर है। मंदिरों में तैयारियां पूरी हो चुकी है। औघड़नाथ मंदिर में मंदिर के कपाट आज सारी रात खुले रहेंगे। आज रात से ही जलाभिषेक शुरू हो जाएगा। शहर के शिवालय रंगीन लाइटों से नहाए हुए थे। शिवपार्वती के विग्रहों के श्रंगार और गर्भगृह में फूलों की सजावट की जा रही है।
अग्निहोत्र से पर्यावरण की शुद्धि की साधना
भोले बाबा के भक्तों का रेला दिल्ली रोड पर अचानक रुक जाता है। यहां कोई भजन-कीर्तन, घंटा-घड़ियाल या शिवलीला का मंच नहीं लगा है। धुएं की सुगंध भक्तों का ध्यान खींचती है। सड़क किनारे एक साधक प्रकृति की सेहत की कामना करते हुए अग्निहोत्र कर रहा है। 36 प्रकार की समिधा हवनकुंड में भस्म होकर प्राणवायु बन जाती है। हरिद्वार से जलतत्व लेकर निकले भोलेभक्त भी पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेकर हवन कर रहे हैं। अग्निहोत्र का विज्ञान मानता है कि धुएं से हवा में विषाक्त डाईआक्साइड और मोनोआक्साइड टूट जाते हैं। मेरठ के करनावल गांव के राजीव दशक भर से प्रदेशभर में हवन कर पर्यावरण की शुद्धि की साधना कर रहे हैं। रविवार सुबह दस बजे दिल्ली रोड स्थित वासु ऑटोमोबाइल के पास राजीव ने दर्जनों सहयोगियों के साथ डेरा डाला। महामृत्युंजय के जाप के साथ अग्निहोत्र शुरू किया गया। मंत्रों की गूंज ने कांवड़ कैंप के वातावरण में ऊर्जा का संचार कर दिया। 

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