International Women's Day 2022: सखियों ने ठाना है, शिक्षा का दीप जलाना है, गांवों में अज्ञानता का अंधेरा दूर करने में जुटीं

International Womens Day 2022 Latest News मुजफ्फरनगर में स्वयं सहायता समूह की सखियों ने अज्ञानता का अंधेरा दूर करने की ठानी है। गांवों में अज्ञानता का अंधेरा दूर करने में जुटीं समूह सखियां। 34 हजार निरक्षर महिलाओं को साक्षर करने का लिया संकल्प।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Tue, 08 Mar 2022 07:40 AM (IST) Updated:Tue, 08 Mar 2022 10:16 AM (IST)
International Women's Day 2022: सखियों ने ठाना है, शिक्षा का दीप जलाना है, गांवों में अज्ञानता का अंधेरा दूर करने में जुटीं
International Women's Day 2022 Hindi News स्वयं सहायता समूह की सखियों ने अज्ञानता का अंधेरा दूर करने की ठानी है।

मुजफ्फरनगर, संजीव तोमर। शिक्षा है अनमोल रतन, पढ़ने का सब करो जतन। इस नारे से प्रेरणा लेते हुए स्वयं सहायता समूह की सखियों ने अज्ञानता का अंधेरा दूर करने की ठानी है। गांव में प्रौढ़ शिक्षा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जहां समूह की महिलाएं अशिक्षित महिलाओं को पढ़ा रही हैं। जिले में 100 से अधिक महिला समूह इसमें महती भूमिका निभा रहे हैं। घर-घर जाकर महिलाओं को शिक्षा का महत्व भी बताया जा रहा है।

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ाने के साथ समाजहित के कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। समूह सखी शिक्षा का उजियारा फैलाने का कार्य भी कर रही हैं। प्रशासनिक सहयोग से बीते दिनों जिले में हुए सर्वे में 34 हजार ऐसी महिलाओं को चिह्नित किया गया, जो अपना नाम भी नहीं लिख सकती हैं। इन महिलाओं को साक्षर करने की जिम्मेदारी समूह से जुड़ी पढ़ी-लिखी महिलाओं ने ली है। 100 से अधिक महिलाएं गांवों में अशिक्षित महिलाओं को पढ़ा रही हैं। 498 ग्राम पंचायतों में इसकी कार्ययोजना तैयार की गई है। गांवों के आंगनबाड़ी केंद्रों व ग्राम पंचायत भवनों में प्रौढ़ शिक्षा केंद्र खोले जा रहे हैं। यहां महिलाओं को शिक्षित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय आजीविका मिशन का सहयोग

पढ़ाने और पढ़ने वाली महिलाओं का राष्ट्रीय आजीविका मिशन की ओर से सहयोग किया जा रहा है। महिलाओं को शासन की योजनाओं का लाभ देने की कार्ययोजना बनाई है। पढ़ाने वाली महिलाओं को मिशन की ओर से प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

महिलाओं का पढ़ा-लिखा होना बेहद जरूरी है। जिले में 4200 स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं। शासन की योजना का पूर्ण लाभ महिलाएं तभी ले पाएंगी जब वे पढ़ी-लिखी होंगी। इसी उद्देश्य से महिलाओं को साक्षर करने के लिए केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। समूह सखियों का कार्य सराहनीय है।

-आलोक यादव, सीडीओ

 

chat bot
आपका साथी