रमजान माह : मस्जिदों में तरावीह पढ़ने पहुंचे अकीदतमंद

आज से रमजान का पाक महीना आरंभ हो गया। सोमवार को बड़ी संख्या में अकीदतमंद तरावीह के लिए मस्जिदों में पहुंचे। उलमा के अनुसार रमजान में तरावीह सबाब का काम माना जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 May 2019 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 07 May 2019 06:29 AM (IST)
रमजान माह : मस्जिदों में तरावीह पढ़ने पहुंचे अकीदतमंद
रमजान माह : मस्जिदों में तरावीह पढ़ने पहुंचे अकीदतमंद

मेरठ । आज से रमजान का पाक महीना आरंभ हो गया। सोमवार को बड़ी संख्या में अकीदतमंद तरावीह के लिए मस्जिदों में पहुंचे। उलमा के अनुसार रमजान में तरावीह सबाब का काम माना जाता है। जामा मस्जिद में कारी शफीकुर्रहमान ने कुरान पढ़ी।

शहर काजी जैनुस साजिदीन ने बताया कि रमजान हमें अच्छा बनाने और बुरे कामों से बचाने के लिए है। रमजान के तीस दिनों में रोजा रखना फर्ज बताया गया है। लेकिन, जो बीमार हैं वह अच्छा होने के बाद रोजा रख सकते हैं। छोटे बच्चों की मां और गर्भवती भी बाद में रोजा रख सकती हैं। 48 किलोमीटर से अधिक का सफर करने वाले मुसाफिरों को रोजे से छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि रमजान में दूसरों पर मेहरबानी करनी चाहिए। कमाई का 2.5 फीसद हिस्सा जरूरतमंदों को देना चाहिए।

रमजान में पानी, बिजली व सफाई की मांग

जासं, मेरठ : रमजान मंगलवार से शुरू हो रहा है। अकीदतमंदों की शिकायत है कि मुस्लिम क्षेत्रों में सफाई की व्यवस्था खराब है। पेयजल व बिजली की आपूर्ति बदहाल है। सोमवार को सपा के शहर अध्यक्ष सरताज व कार्यकर्ताओं ने डीएम को ज्ञापन दिया। उन्होने कहा कि रमजान में सहरी के वक्त रात दो बजे से सुबह पांच बजे तक व इफ्तार के समय शाम को चार बजे से सात बजे तक बिजली व पेयजल आपूर्ति निर्बाध कराई जाए। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में विशेष सफाई कराई जाए। मस्जिदों, मदरसों व कब्रिस्तान के स्थानों पर चूना डलवाया जाए। भूमिया का पुल, लिसाड़ी रोड, गोला कुआं, लिसाड़ी गेट चौपला, घंटाघर, खैरनगर, छतरीवाला पीर, सब्जी मंडी, कबाड़ी बाजार, हापुड़ स्टैंड, कांच वाला पुल, बुढ़ाना गेट, बच्चा पार्क आदि स्थानों पर सहरी व इफ्तार के समय जाम न लगने दिया जाए। ईशा की नमाज आठ बजे से रात 12 बजे तक होने वाली तरावीह के दौरान मस्जिदों के आसपास व मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में पुलिस की पेट्रोलिंग कराई जाए। सद्दीक नगर गली नंबर एक में कई दिनों से पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है, लाइन दुरुस्त करके आपूर्ति कराई जाए। इस मौके पर आदिल सिद्दीकी, अफजाल सैफी, सुहेल प्रधान आदि मौजूद रहे। फोटो 33 से 38

ईशा की नमाज के बाद मस्जिदों में तराबीह का सिलसिला शुरु हो गया। मस्जिदों में अकीदतमंदों की भारी संख्या पहुंची। छीपीं टैंक स्थित मस्जिद की छत और सड़कों पर अकीदतमंद बैठे नजर आए। यही हाल कई मस्जिदों में रहा। एक रोज शबीना, तीन रोज, पांच और छह रोज शबीना का आयोजन मस्जिदों में आरंभ हुआ।

chat bot
आपका साथी