गंगनहर की पटरी पर अगर पेड़ कटे तो 10 मार्च से मेरठ में चिपको आंदोलन शुरू Meerut News

सेव इंडिया जन फाउंडेशन के आहवान पर शहर की तमाम एनजीओ के प्रतिनिधिमंडल द्वारा एक पंचायत का सर्किट हाउस स्थित मैदान में आयोजन किया गया।

By Prem BhattEdited By: Publish:Tue, 25 Feb 2020 04:33 PM (IST) Updated:Tue, 25 Feb 2020 04:33 PM (IST)
गंगनहर की पटरी पर अगर पेड़ कटे तो 10 मार्च से मेरठ में चिपको आंदोलन शुरू Meerut News
गंगनहर की पटरी पर अगर पेड़ कटे तो 10 मार्च से मेरठ में चिपको आंदोलन शुरू Meerut News

मेरठ, जेएनएन। सेव इंडिया जन फाउंडेशन के आहवान पर शहर की तमाम एनजीओ के प्रतिनिधिमंडल द्वारा एक पंचायत का सर्किट हाउस स्थित मैदान में आयोजन किया गया। फाउंडेशन के संयोजक राजेश शर्मा ने कहा की लोक निर्माण विभाग द्वारा एक प्रस्ताव गंग नहर की दाहिनी पटरी पर सड़क बनाने को तैयार किया गया है, जिसमें लिखा गया है कि डासना से लेकर हरिद्वार तक गंगनहर की दाहिनी पटरी पर 2.27 लाख पेड़ पौधे खड़े हैं, उन्हें काटकर वहां 118 किलोमीटर लंबी रोड बनाई जाएगी। इसके विरोध में इस पंचायत का आयोजन किया गया।

राजेश शर्मा ने कहा कि यह प्रस्ताव प्रदेश के मुख्यमंत्री को दिया गया है, जिसमें बहुत सारी बातों को छिपाया गया है न तो सिंचाई विभाग इस पक्ष में है न वन विभाग। क्योंकि गंगनहर की दाहिनी पटरी पूर्ण रूप से वन आरक्षित है। सिंचाई विभाग के एक्ट में भी दाहिनी पटरी पर रोड बनाने से सिल्ट निकालने में अड़चन आएगी।

इसके अलावा अगर दोनों ओर पटरी बनती है तो गंगनहर का पानी दूषित हो जाएगा। आज के दौर में वेस्ट यूपी के अलावा दिल्ली सहित सभी शहर नहर का पानी पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं। पंचायत में सर्वसम्मति से 2.27 लाख पौधों के कटान से बचाने के लिए चिपको आंदोलन चलाने का प्रस्ताव पारित किया गया है।

इसमे सेव इंडिया जन फाउंडेशन, पंख हौसलों की उड़ान, गौ रक्षा सेवा समिति, नीर फाउंडेशन , विश्व जागृति मिशन साइंस सोसायटी के अलावा एक दर्जन से अधिक एनजीओ का सहयोग मिला है। सर्वसम्मति से चिपको आंदोलन में संरक्षक के रूप में पूर्व आई एफ एस अधिकारी धर्मवीर कपिल को चुना गया। उनके नेतृत्व में सभी जिम्मेदार नागरिक और एनजीओ आंदोलन चलाएंगे । 10 मार्च को गंगनहर की पटरी पर चिपको आंदोलन के तहत एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित होगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेज कर पेड़ों के कटान का विरोध होगा। वहीं एनजीटी में याचिका दायर की जाएगी, क्योंकि अगर गंगनहर की दाहिनी पटरी के पेड़ काटे गए तो पर्यावरण और गंगा का जल दोनों प्रदूषित हो जाएंगे।

प्रतिनिधिमंडल ने मांग करते हुए कहा लोक निर्माण विभाग के जिन अधिकारियों ने यह प्रस्ताव पास किया है एक बार शासन स्तर से उनकी जांच की जाए क्योंकि आरोप लगाया गया है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के रिश्तेदार और दूसरे परिचित लोगों को तीन साल पहले गंग नहर की दाहिनी पटरी पर हजारों एकड़ जमीन खरीदी गई है। इसीलिए वन विभाग एवं सिंचाई विभाग के विरोध के बावजूद लोक निर्माण विभाग के अधिकारी गंगनहर की पटरी दाहिनी ओर पर सड़क बनाने के लिए पेड़ कटान कराने को उतारू हैं।

सम्मति ने यह लिया निर्णय

सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया अगर गंगनहर की दाहिनी पटरी पर सरकार को सड़क बनानी है। तो गंगनहर की पटरी को छोड़कर किसानों की जमीन अधिग्रहण करें और सड़क बना दे लेकिन अगर नहर की पटरी का एक भी पेड़ कटा तो भारी विरोध होगा । गंगनहर की दाहिनी पटरी पूर्ण रूप से आरक्षित है। इसके लिए देशभर के सभी वे संस्था जो पर्यावरण को लेकर आंदोलन चला रहे सभी संगठनों के साथ मीटिंग करके इस आंदोलन से जोड़ा जाएगा। 

पंचायत में यह रहे शामिल

पंचायत में काव्यांजलि वेलफेयर एसोसिएशन से प्रीति त्यागी, पंख हौसलों की उड़ान से भावना शर्मा, गौ रक्षा समिति से नितिन बालियान, चौधरी जगदीश तेवतिया, चौधरी योगेश आर के गुप्ता, अशोक मोतला, अनुज कौशिक, मनोज कुमार शास्त्री, जेपी सागर, सुबोध भारद्वाज वासी खान विश्व जागृति मिशन से मनोज शास्त्री पूर्व आईएएस अधिकारी धर्मवीर कपिल सहित सैंकड़ों साथियों की मौजूदगी रही। 

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