मरीज को समय से भर्ती करें तो घटेगी मौत की दर : मंडलायुक्त

मेडिकल कालेज में 14 दिनों में 71 मरीजों की मौत की वजह खंगाली गई तो पता चला कि बड़ी संख्या में मरीज गंभीर अवस्था में आने के बाद भर्ती किए गए।

By Edited By: Publish:Wed, 16 Sep 2020 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 16 Sep 2020 07:09 AM (IST)
मरीज को समय से भर्ती करें तो घटेगी मौत की दर : मंडलायुक्त
मरीज को समय से भर्ती करें तो घटेगी मौत की दर : मंडलायुक्त

मेरठ, जेएनएन। मेडिकल कालेज में 14 दिनों में 71 मरीजों की मौत की वजह खंगाली गई तो पता चला कि बड़ी संख्या में मरीज गंभीर अवस्था में आने के बाद भर्ती किए गए। देर से भर्ती होने वाले मरीजों में मौत की दर सबसे ज्यादा मिली। मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम ने मंगलवार को जिलाधिकारी एवं मेडिकल कालेज और स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक कर कोरोना से होने वाली मौतों पर नियंत्रण के लिए रोडमैप बनाया। मंडलायुक्त ने कहा कि मरीजों को तत्काल भर्ती कर इलाज देने से मौतों पर काबू पाया जा सकता है। बता दें कि एक तिहाई मरीजों की मौत भर्ती होने के 12 घटे के अंदर ही हो गई। कोविड मरीजों का अन्य बीमारियों की रिपोर्ट के आधार पर इलाज करने की बात कही। मंडलायुक्त ने मेडिकल कालेज के सेंट्रल हाल में डीएम के. बालाजी, सीडीओ ईशा दुहन, प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह, सीएमओ डा. राजकुमार, कोविड वार्ड प्रभारी डा. सुधीर राठी और सीएमएस डा. धीरज बालियान समेत कई अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज में मौतों की दर लगातार 20 फीसद के आसपास बनी हुई है। जून में दर 22 फीसद तक पहुंच गई थी। सितंबर में 14 दिनों में 71 मरीजों की मौत हुई। विश्लेषण से पता चला कि भर्ती होने के 12 घटे के अंदर 22 मरीजों की जान चली गई। जिन मरीजों को समय से भर्ती किया गया, सात दिनों से ज्यादा इलाज का मौका मिला, उनमें सिर्फ चार की मौत हुई। बाहर से रेफर होकर आए 40 से ज्यादा मरीजों की मौत हुई है। प्राचार्य ने बताया कि गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, हापुड़ और अन्य जिलों से मरीजों की स्थिति गंभीर होने के बाद मेडिकल कालेज भेजे जाते हैं, जिनके इलाज के लिए ज्यादा अवसर नहीं बचता है। उन्होंने आइसीयू बेडों की संख्या 40 से बढ़ाकर 140 करने की जानकारी दी। मंडलायुक्त ने आक्सीजन व दवाओं की उपलब्धता, मरीजों को तत्परता से भर्ती करने, भोजन व्यवस्था दुरुस्त रखने व मरीजों के स्वजनों से नियमित बात करने के लिए कहा। उन्होंने शहर को सेक्टरों में बाटकर सर्विलास बढ़ाने की बात कही। सीएमओ ने जिले में कोविड बेडों की उपलब्धता, कोरोना जाच एवं डोर-टू-डोर सर्वे की जानकारी दी। डीएम ने कहा कि सर्वे में लोगों का एंटीजन व बुखार दोनों जाच की जानी चाहिए। होम आइसोलेशन के मरीजों की तबीयत पर नजर रखने के लिए भी कहा। निजी अस्पताल संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट तत्काल दें। ..मैडम, हमें मास्क और सैनिटाइजर तक नहीं मिलता मंडलायुक्त मेडिकल कालेज के हॉल में संवाद कर रही थीं कि इसी बीच एक डाक्टर ने अपना दर्द बया कर सबको परेशानी में डाल दिया। डाक्टर ने बताया कि यहा मास्क और सैनिटाइजर तक नहीं मिलता। कई बार कहने के बाद थोड़ा सामान मिल जाता है। पहले पीपीई किट घटिया आई थी और अब कई बार चक्कर लगाने के बाद मिलती है। कैंपस में दर्जनों डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना पाजिटिव हो चुके हैं, लेकिन सुरक्षित माहौल देने पर किसी का कोई ध्यान नहीं है।

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