Ashok Kataria: पूर्व मंत्री अशोक कटारिया कोर्ट में हुए पेश, मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान दर्ज हुआ था मुकदमा

मुजफ्फरनगर में 31 अगस्त 2013 को निषेधाज्ञा उल्लंघन के आरोप में वर्तमान में केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान व अशोक कटारिया समेत 20 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में कोर्ट ने तीन साल पहले कटारिया के वारंट जारी किए थे।

By Parveen VashishtaEdited By: Publish:Fri, 23 Sep 2022 09:13 PM (IST) Updated:Fri, 23 Sep 2022 09:13 PM (IST)
Ashok Kataria: पूर्व मंत्री अशोक कटारिया कोर्ट में हुए पेश, मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान दर्ज हुआ था मुकदमा
पूर्व मंत्री अशोक कटारिया कोर्ट में हुए पेश, मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान दर्ज हुआ था मुकदमा

मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। वर्ष 2013 में हुए दंगे के दौरान दर्ज मुकदमे में प्रदेश के पूर्व परिवहन राज्‍यमंत्री अशोक कटारिया एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने इनके गैर जमानती वारंट जारी किए थे। कोर्ट के आदेश पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया। बाद में उन्हें जमानत दे दी गई।

कवाल में तिहरे हत्याकांड के बाद पैदा हो गया था तनाव 

27 सितंबर 2013 को जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में तिहरे हत्याकांड के बाद जनपद में तनाव पैदा हो गया था। दोनों ओर से पंचायत करने का दौर शुरू हो गया था। 28 अगस्त को मलिकपुरा निवासी ममेरे भाईयों सचिन और गौरव का अंतिम संस्कार कर लौट रहे लोगों ने गांव में हंगामा और तोड़फोड़ कर दी थी। तनाव के चलते प्रशासन ने जनपद में धारा-144 लागू कर दी थी। इसके बाद 31 अगस्त को थाना सिखेड़ा क्षेत्र के नंगला मंदौड़ इंटर कालेज में सचिन और गौरव की शोक सभा का आयोजन किया गया था। 

निषेधाज्ञा उल्लंघन के आरोप में बीस के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा 

इसके चलते निषेधाज्ञा उल्लंघन के आरोप में तत्‍कालीन भाजपा पदाधिकारी अशोक कटारिया, वर्तमान में केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान समेत 20 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में कोर्ट ने तीन साल पहले कटारिया के वारंट जारी किए थे। शुक्रवार को कटारिया ने सिविल जज सीनियर डिवीजन एफटीसी-एक मयंक जायसवाल की कोर्ट में पेश होकर आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट के आदेश पर उन्हें हिरासत में लिया गया। पूर्व मंत्री के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद पूर्व मंत्री को जमानत दे दी।

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हत्या के मामले में पांच को उम्र कैद 

मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव राजपुर तिलौरा में हुई हत्या के मामले में कोर्ट ने पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पांचों दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया है। रंजिश के चलते 13 जुलाई 2008 को नगेंद्र उर्फ भूरा की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के पिता सुखपाल ने गांव के ही महीपाल व उधम सिंह पुत्र रघुवरी, शंकर पुत्र उधम सिंह, शक्ति पुत्र महिपाल और बब्लू पुत्र राज बहादुर के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में भेज दी थी। मामले की सुनवाई एडीजे कोर्ट संख्या छह के न्यायाधीश अशोक कुमार के समक्ष चल रही थी। शुक्रवार को कोर्ट ने पांचों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक जोगेन्द्र सिंह ने बताया कि कोर्ट ने पांचों पर 20-20 हजार का अर्थदंड भी लगाया है।

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