सहारनपुर में कोरोना के पांच नए मरीज मिले, 50 पाजिटिव, लापरवाही बरत रहे लोग

सहारनपुर जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद बाजार रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड आदि पर लापरवाही बढ़ती जा रही है। कहीं पर भी कोई भी व्यक्ति मास्क लगाए हुए नहीं दिखता है।

By Parveen VashishtaEdited By: Publish:Sun, 26 Jun 2022 06:36 PM (IST) Updated:Sun, 26 Jun 2022 06:36 PM (IST)
सहारनपुर में कोरोना के पांच नए मरीज मिले, 50 पाजिटिव, लापरवाही बरत रहे लोग
सहारनपुर में कोरोना के पांच नए मरीज मिले, 50 पाजिटिव

सहारनपुर, जागरण संवाददाता। जिले में रोजाना कभी पांच तो कभी सात कोरोना के केस सामने आ रहे हैं। रविवार को भी पांच लोगों की रिपोर्ट पाजीटिव आई है। बावजूद इसके लोग लापरवाही बरत रहे हैं और कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए तैयार नहीं है। बसें हो या फिर आटो सभी में लापरवाही बरती जा रही है।

रोजाना ढाई हजार लोगों के लिए जा रहे सैंपल

जिला मलेरिया अधिकारी एवं कोरोना की नोडल अधिकारी शिवांका गौड़ ने बताया कि जिले में रोजाना ढाई हजार के लगभग लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। इन सैंपल में से कभी पांच तो कभी सात पाजीटिव केस सामने आ रहे हैं। अब तक जिले में 50 कोरोना पाजिटिव सामने आ चुके हैं। 50 मरीजों का उपचार होम क्वांरटाइन करके दिया जा रहा है। बता दें कि जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बावजूद इसके बाजारों में, रेलवे स्टेशन पर, बस स्टैंड पर लापरवाही बढ़ती जा रही है। कहीं पर भी कोई भी व्यक्ति मास्क लगा हुआ नहीं दिख रहा है। इसके अलावा शहर में चलने वाले आटो, ई-रिक्शा आदि वाहनों में भी सवारियों को ठूस-ठूसकर भरा जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस लगातार हर चौराहे पर कोरोना के नियमों का पालन करने का एलाउसमेंट कर रही है। लोगों की समझ में तब भी नहीं आ रहा है।

मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में उपचार के लिए तैयारियां शुरू

उधर, मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल में भी कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए तैयारियां शुरू हो गई है। माकड्रिल करके हर सप्ताह देखा जा रहा है। कमिश्नर लोकेश एम भी लगातार जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज का निरीक्षण कर रहे हैं।

मांगे नहीं मानने पर दी सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी

सहारनपुर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश टीबी कंट्रोल वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो वह सामूहिक इस्तीफा देने पर मजबूर होंगे। एसोसिएशन के प्रेस प्रवक्ता एमपी सिंह चावला ने बताया कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कई बार विभागीय अधिकारियों ने पत्र के माध्यम से बताया कि यदि किसी भी टीबी कर्मचारी की ड्यूटी पर मौत हो जाती है तो उसके परिवार के किसी भी सदस्य को नौकरी नहीं मिल रही है। वर्तमान में प्रदेश में हजारों पद खाली चल रहे हैं, लेकिन किसी को नौकरी नहीं मिल रही है।

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