राष्‍ट्रीय वेबीनार में बोले वक्‍ता गिरता भूजल स्‍तर वर्तमान की सबसे बड़ी समस्‍या

National Webinar एनवायरमेंट क्लब के ने सोमवार को एक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया। जिसका विषय रहा गिरता भूजल स्तर - वर्तमान की उभरती समस्या रहा।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Mon, 29 Jun 2020 09:06 PM (IST) Updated:Mon, 29 Jun 2020 09:06 PM (IST)
राष्‍ट्रीय वेबीनार में बोले वक्‍ता गिरता भूजल स्‍तर वर्तमान की सबसे बड़ी समस्‍या
राष्‍ट्रीय वेबीनार में बोले वक्‍ता गिरता भूजल स्‍तर वर्तमान की सबसे बड़ी समस्‍या

मेरठ, जेएनएन। एनवायरमेंट क्लब के ने सोमवार को एक 'राष्ट्रीय वेबीनार' का आयोजन किया। जिसका विषय रहा "गिरता भूजल स्तर - वर्तमान की उभरती समस्या" रहा। वेबीनार में मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के सचिव यू.पी. सिंह रहे। वेबीनार में 13 प्रदेश अरुणाचल प्रदेश, आसाम, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान के पर्यावरण कार्यकर्ताओं एवं छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। क्लब के उपाध्यक्ष गोविंद शर्मा ने सभी का स्वागत किया। वेबीनार का संचालन तनिष्का ग्रोवर ने किया और मुस्कान आनंद ने जल संरक्षण पर पीपीटी प्रस्तुत की। क्लब के संस्थापक सावन कनौजिया ने क्लब के द्वारा जल संरक्षण के लिए चलाई गई 'बिन पानी सब सून' मुहिम और क्लब के जल संरक्षण एवं गंगा संरक्षण पर किए कार्यों पर आधारित पी.पी.टी प्रस्तुत की। क्लब की वरिष्ठ सदस्या पायल शर्मा ने भूगर्भ जल स्तर पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की और किस तरह हर वर्ष हमारा जलस्तर कम होता जा रहा है, इस पर प्रकाश डाला।

 

मुख्य अतिथि यू. पी सिंह जी, सचिव, जल शक्ति मंत्रालय जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने कहा कि आज जल का संरक्षण बहुत जरूरी है। भारत में कई जगह ऐसी है, जहां जल संकट गहराता जा रहा है और कई जगह ऐसी है जहां पानी बहुत मात्रा में है। हमें संतुलित जीवन अपना कर जल का संरक्षण करना होगा। उन्होंने जल संरक्षण करने के लिए कहा कि हमें बारिश के पानी को बचाने के लिए भी अपने प्रयास करने चाहिए।भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां सबसे ज्यादा पानी खेती में उपयोग किया जाता है। हमें कम पानी कैसे इस्तेमाल हो ऐसी खेती पर जोर देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के घरों में भी खूब पानी व्यर्थ होता है, तो हम सभी को संयुक्त रूप से पानी जो प्रकृति का अनमोल वरदान है, इसे बचाने को संकल्पित होना होगा। उन्होंने बताया कि भारत के 256 जिलों में मंत्रालय ने 'जल शक्ति अभियान' शुरू किया, जिसके अंतर्गत लोगों को जल के महत्व के बारे में बताया जा रहा है और जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने 'कुआं तालाब बचाओ' अभियान का जिक्र करते हुए बताया कि तालाबों को जिंदा करना बहुत जरूरी है, भूगर्भ जल का स्तर बढ़ाने के लिए कुएं/ तालाब/ पोखर आदि का संरक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आने वाला भविष्य ऐसा होगा, जहां नल तो होगा पर उसमें जल नहीं होगा। इसलिए शहर के लोगों को भी अपने दैनिक गतिविधियों में जल की प्रत्येक बूंद को बचाने के नियम अपनाने चाहिए। यू.पी सिंह ने आगे बताते हुए कहा कि आज हम विकास के नाम पर कंकरीटिंग करते हैं, इस कंकरीटिंग की वजह से जो पानी वर्षा आदि का जमीन में जाना चाहिए वह जा नहीं पाता और एक यह बहुत बड़ा कारण है भूगर्भ जल स्तर के कम होने का। क्योंकि हम धरती से जल तो लेते हैं पर वापस देने की नहीं सोचते। उन्होंने कहा हर खेत पर मेड़ और हर मेड़ पर पेड़ होना बहुत जरूरी है, उन्होंने एक गांव का जिक्र करते हुए बताया कि उस गांव में "हर खेत पर मेड़ और हर मेड़ पर पेड़" पद्धति अपनाई गई और परिणाम यह हुआ कि जो वर्षा का पानी खेत में होता था, मेड व पेड़ लगे होने की वजह से वह पानी खेतों से बाहर नहीं आया और उस गांव का भूजल स्तर बढ़ा, गांववासियों को ट्यूबवेल की जरूरत ही नहीं पड़ी सिंचाई, आदि के लिए। उन्होंने कहा अटल भूजल योजना के तहत 'पार्टिसिपेटरी ग्राउंड वॉटर मैनेजमेंट' ला रहे हैं जिसके तहत हर व्यक्ति भूगर्भ जल को बचाने में अपना योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि आज के समय में वाटर सिक्योरिटी बहुत जरूरी है। उन्होंने महाराष्ट्र के गांव 'हिवरे बाजार' का उदाहरण देते हुए कहा कि एक समय में इस गांव में जल की भीषण समस्या की वजह से लोग पलायन करते थे लेकिन वहां के ग्राम प्रधान की मदद से आज गांव का हर व्यक्ति अपने घर जल संरक्षण करता है और तब से ही उस गांव में पलायन रुका और लोग संपन्न/ सुखी रह रहे हैं। उन्होंने गांव पर जोर देते हुए कहा कि पूरे भारतवर्ष में सात लाख से भी अधिक गांव है, उन सभी गांव में जल संरक्षण होना बहुत जरूरी है। बिहार के 'जल जीवन हरियाली मिशन' का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस अभियान के जरिए लोगों को जोड़ा जा रहा है, इसी प्रकार 'सुजलाम सुफलाम अभियान' गुजरात में चल रहा है जिससे लोगों को जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए साथ जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि सरकार/ मंत्रालय काम नहीं कर रहा लेकिन सरकार अपने स्तर पर जल संरक्षण पर कार्य कर रही है। क्लब के कार्यो पर पी.पी.टी देखने के बाद उन्होंने कहा कि यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है कि हमारे देश के युवा आगे आ रहे हैं, जल संरक्षण जैसे गंभीर मुद्दे पर। एनवायरमेंट क्लब की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि मैं इनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं और इसी प्रकार लगे रहिए देश को, पर्यावरण को ऐसे प्रकृति प्रेमियों की जरूरत है। विभिन्न प्रदेशों से जुड़े पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने अपने सवाल पूछे, फ्राईडेज फॉर फ्यूचर झारखंड से आदिवासी कार्यकर्ता आशीष बिरूली, उत्तराखंड से पारस भारद्वाज, आस्था गुप्ता बिहार से, ओइन कोंबो अरुणाचल प्रदेश से, प्रतीक लापसे अध्यक्ष अभिज्ञान फाउंडेशन नागपुर महाराष्ट्र, समेत कई लोगों ने अपने प्रश्न मुख्य अतिथि माननीय यू पी सिंह से पूछे और मुख्य अतिथि ने विस्तार पूर्वक सभी के प्रश्नों का उत्तर दिया। अंत में क्लब के संस्थापक ने कहा कि आज हमारी इस राष्ट्रीय वेबीनार में हमारे मुख्य अतिथि यू पी सिंह, सचिव जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार आप जुड़े इससे हमारा बहुत मनोबल बढ़ा है और हमारी टीम और साथी एवं विभिन्न प्रदेशों के पर्यावरण कार्यकर्ता भी आपके मार्गदर्शन से आगे इसी प्रकार जल संरक्षण एवं पर्यावरण के लिए कार्य करेंगे ऐसी मेरी आशा है और बताया कि राष्ट्रीय वेबीनार का लाइव प्रसारण एनवायरमेंट क्लब के यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज और इंस्टाग्राम अकाउंट से भी किया गया। एनवायरमेंट क्लब के सह संस्थापक और सचिव प्रतीक शर्मा ने वेबीनार के अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिया। 

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