शाहजहांपुर में अवैध हथियारों का कारखाना पकड़ा, पांच दबोचे

वेस्ट यूपी के शातिरों को हथियारों की सप्लाई करने के लिए शाहजहांपुर में चल रहे एक अवैध कारखाने का पुलिस ने राजफाश किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Sep 2019 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 29 Sep 2019 08:00 AM (IST)
शाहजहांपुर में अवैध हथियारों का कारखाना पकड़ा, पांच दबोचे
शाहजहांपुर में अवैध हथियारों का कारखाना पकड़ा, पांच दबोचे

मेरठ,जेएनएन। वेस्ट यूपी के शातिरों को हथियारों की सप्लाई करने के लिए शाहजहांपुर में चल रहे एक अवैध कारखाने का पुलिस ने राजफाश किया है। वहां से पुलिस ने पांच आरोपितों को दबोचकर हथियार व हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। हथियारों का सौदागर राशिद उर्फ सद्दीक पुलिस की गिरफ्त से दूर है। तमंचा बनाने में डेढ़ हजार और राइफल में तीन हजार का खर्च आता था। थोक में तमंचा तीन और रायफल पांच हजार की बेची जा रही थी। राशिद हथियारों की सप्लाई खुद करता है।

रिजर्व पुलिस लाइन में शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि क्राइम ब्रांच और किठौर पुलिस की संयुक्त टीम ने शाहजहांपुर में मशीउल्लाह के घर पर छापा मारा। यहां से मशीउल्लाह, उसके साले नवेद और बाबू निवासी सरावनी हापुड़, कारीगर फैमुद्दीन निवासी बहरामपुर और इमरान निवासी जिसौरा हापुड़ को पकड़ा है। पुलिस को फैक्ट्री से तीन दर्जन हथियार और असलाह बनाने के उपकरण मिले हैं। छापामारी के दौरान फैक्ट्री संचालक राशिद उर्फ सद्दीक निवासी अनूपपुर ढिबाई, हापुड़ भाग गया। पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि राशिद ही सामान मुहैया कराता है।

वेस्ट यूरी के कई गैंग चलाते हैं फैमुद्दीन के बने हथियार शाहजहांपुर से पकड़ा गया फैमुद्दीन बहुत पुराना कारीगर है, जो दो बार पहले भी जेल जा चुका है। उसने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि उसके बने हथियार वेस्ट यूपी के मुकीम काला समेत कई बड़े गैंग इस्तेमाल कर चुके हैं। उसने इमरान को भी हथियार बनाना सीखा दिया। दोनों को प्रतिदिन एक हजार रुपये की दिहाड़ी दी जाती थी। पुलिस के अनुसार ये लोग 24 घंटे में तमंचा और दो दिन में रायफल तैयार कर लेते थे।

मशीउल्लाह को मिलता था किराया

मशीउल्लाह के घर में फैक्ट्री चल रही थी। राशिद उसे हर माह मकान का किराया देता है। साथ ही मशीउल्लाह उसके साले नवेद और बाबू को फैक्ट्री की देखभाल के लिए हर माह पैसा मिलते थे। दो साल से घर के अंदर चल रहे इस धंधे का आसपास के लोगों को पता था। कई बार किठौर पुलिस से शिकायत भी की गई। नहीं मिला आइएस कनेक्शन का साक्ष्य

गत दिसंबर में किठौर से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कुछ संदिग्ध युवकों को उठाया था। उसी आधार पर आशंका जाहिर की जा रही थी कि हथियार फैक्ट्री का कनेक्शन आतंकी संगठन आइएस (इस्लामिक इस्टेट) से तो नहीं है। एसएसपी अजय कुमार साहनी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपितों से पूछताछ में में कोई आइएस कनेक्शन सामने नहीं आया है। इसका कोई साक्ष्य भी पुलिस को नहीं मिल पाया। अभी तक जानकारी मिली है कि आरोपित हापुड़, गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर में हथियार सप्लाई कर रहे थे। अभी फैक्ट्री संचालक सद्दीक फरार है, जिसकी धरपकड़ की जा रही है।

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