मेरठ का अनुभव देगा कमिश्नर प्रणाली को धार, दोनों अफसर शहर में निभा चुके हैं अहम भूमिका Meerut News

लखनऊ और नोएडा के नियुक्‍त किए गए नए पुलिस कमिश्‍नर अफसरों का भी मानना है कि पूरे प्रदेश में मेरठ का अनुभव काम आता है। कमिश्नर प्रणाली में भी इससे काफी लाभ मिलेगा।

By Prem BhattEdited By: Publish:Tue, 14 Jan 2020 11:21 AM (IST) Updated:Tue, 14 Jan 2020 11:21 AM (IST)
मेरठ का अनुभव देगा कमिश्नर प्रणाली को धार, दोनों अफसर शहर में निभा चुके हैं अहम भूमिका Meerut News
मेरठ का अनुभव देगा कमिश्नर प्रणाली को धार, दोनों अफसर शहर में निभा चुके हैं अहम भूमिका Meerut News

मेरठ, [सुशील कुमार]। सूबे की सरकार ने प्रदेश के दो जनपदों में कमिश्नर प्रणाली लागू कर एतिहासिक फैसला लिया हैं, दोनों ही जनपदों में तैनात किए अफसर मेरठ का अनुभव ले चुके है। अफसरों ने माना है कि पूरे प्रदेश में मेरठ का अनुभव काम आता है। कमिश्नर प्रणाली में भी इससे काफी लाभ मिलेगा। दरअसल, मेरठ में अपराध के साथ-साथ कानून व्यवस्था कायम करना भी एक चैलेंज है।

नौ जनपदों का कार्य चुके हैं सुजीत पांडेय

लखनऊ में पुलिस कमिश्नर पद पर सुजीत पांडेय की तैनाती हुई है। पांडेय मेरठ जोन के नौ जनपदों का कार्य देख चुके हैं। उनकी तैनाती मेरठ जोन में 24 जनवरी 2016 में हुई थी। तीन सितंबर को यहां से आगरा जोन के लिए स्थानांतरण हो गया था। उनके कार्य कॉल के दौरान कई ऐसे मामले आए है, जो उन्होंने खुद की टीम लगाकर सॉल्व कराएं। नोएडा में स्नैपडील की कर्मचारी दीप्ति सरना अपहरण कांड का पर्दाफाश कराया।

भ्रष्‍टाचार पर रहा है कड़ा रुख

मेरठ के शास्त्रीनगर में हुए तीसरे हत्याकांड को सुलझाया। साथ ही पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले बुलंदशहर हाईवे दुष्कर्म कांड का भी पर्दाफाश किया था। इसी तरह से नोएडा के पुलिस कमिश्नर बने आलोक सिंह फिलहाल में मेरठ रेंज में एडीजी पद पर तैनात थे। आलोक सिंह ने नोएडा और गाजियाबाद में भ्रष्ट पुलिस कर्मियों के खिलाफ अभियान चलाया। हालात यह हो गए कि दोनों जनपदों में पुलिसकर्मी अपनी तैनाती कराने से पीछे हट रहे थे।

मिलावटी तेल प्रकरण से मचा था हड़कंप

उससे भी अहम मामला मिलावटी पेट्रोल प्रकरण रहा है, जिससे पूरे जनपद के तेल कारोबारियों में हड़कंप मच गया। शहर के दिग्गज तेज कारोबारी फंस गए थे। इस पूरे प्रकरण में लखनऊ से एसआइटी का गठन भी कराया। पांच आइपीएस अफसरों पर कार्रवाई में भी अहम भूमिका निभाई है। दोनों ही अफसरों की मेरठ में कार्यप्रणाली बेहतर साबित हुई है। उनके इसी अनुभव को देखते हुए कमिश्नर प्रणाली में पहले पुलिस कमिश्नर की तैनाती मिली।

इनका कहना है

शासन ने जो जिम्मेदारी दी हैं, उसे भरोसे के साथ निभाया जाएगा। मेरठ जोन ही नहीं, पश्चिमी उप्र के अनुभव भी आगे बढ़ाते है। सहारनपुर और बुलंदशहर जनपदों में भी तैनाती के दौरान बहुत कुछ सीखा है, जो कमिश्नर प्रणाली में प्रयोग करेंगे।

- सुजीत पांडेय, पुलिस कमिश्नर लखनऊ

शासन ने ही पहले मेरठ रेंज की जिम्मेदारी दी थी। उसे ईमानदारी ने निभाया है। अब नोएडा की जिम्मेदारी दी है। उसे भी निभाया जाएगा। रेंज ही नहीं मेरठ में पुलिस कप्तान का अनुभव भी ले चुके है, मेरठ में एक हिंसा  और दंगा भी देखा है।

- आलोक सिंह, पुलिस कमिश्नर नोएडा

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