फिटनेस मंत्र : 50 साल की उम्र में भी खुद को रखते है फीट, इनसे जानें सुबह उठना क्यों है जरूरी Meerut News
50 वर्ष की उम्र में खुद को तदंरुस्त रखने वाले मेरठ के डॉ. जमाल अहमद का एक खास रुटीन है। इस रुटीन के तहत ही ये खानपान भी करते हैं। डॉ. जमाल अहमद नाश्ते में केवल उबले हुए चने और दूग्ध का सेवन करते हैं।
[विवेक राव] मेरठ। सेहत सही रहती है तो पूरी दुनिया अच्छी लगती है और सेहत खराब हो जाए तो कुछ भी अच्छा नहीं लगता स्वस्थ शरीर अगर है तो हम अपना काम भी बेहतर तरीके से कर पाते हैं लेकिन भौतिकता की दौड़ में शरीर से हम सब कुछ करते हैं कुछ शरीर पर ही सही से ध्यान नहीं दे पाते हैं जब चाहे जो चाहे खा लिया देर रात तक मोबाइल से चिपके रहे दोपहर तक सोते रहे ऐसी अस्त व्यस्त दिनचर्या कई बीमारियों को न्योता भी दे रही है आमंत्रित भी कर रही है वह भी हराया तो लोगों ने इस भौतिकता की दौड़ में सेहत के महत्व को समझा और जो लोग पहले शारीरिक व्यायाम योग नहीं करते थे उन लोगों ने भी इसे अपने दिनचर्या में शामिल किया वही सेहत को लेकर कुछ लोग पहले से ही काफी सजग है और नियमित रूप से व्यायाम करते रहे हैं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ जमाल अहमद सिद्धकी उनमें से एक हैं जो पिछले कई साल से अपनी दिनचर्या को पूरी तरह से नियमित रखे हुए हैं जिसका लाभ उनके स्वास्थ्य को भी हो रहा है आज उन्होंने अपनी फिटनेस को लेकर दिनचर्या को साझा भी किया है।
चार से पांच बजे उठ जाते हैं डा. जमाल
डॉ. जमाल अहमद सुबह चार से पांच बजे के बीच उठ जाते हैं। वह बताते हैं कि सर्दी के मौसम में सुबह 5 बजे और गर्मी में मौसम में सुबह 4 बजे उठते हैं। फिर रोजाना सुबह तीन से चार किलोमीटर जॉगिंग करते हैं। रात के भोजन के बाद तीन किलोमीटर टहलते हैं। सर्दी के मौसम में कोहरा होने के कारण घर पर ही सुबह व्यायाम करते हैं।
नियमित करते हैं योग
वह नियमित योग का अभ्यास भी करते हैं। योग में कपालभाति के साथ साथ घर में बने छोटे से जिम में थोड़ा एक्सरसाइज भी करते हैं। वह बताते हैं कि नाश्ते में केवल उबले हुए काले चने और एक ग्लास दूध लेता हूं मेरी उम्र 50 पार कर गई है। ऐसे में विशेष ध्यान की आवश्कता पड़ जाती है। हाई ब्लड प्रेशर का मरीज हूं लेकिन अपनी दिनचर्या, खान- पान और व्यायाम से सब संतुलित किया है। वह बताते हैं कि मैं कोई चिकित्सक नहीं हूं। लेकिन मेरा अनुभव ये है कि जिसने अपनी दिनचर्या ठीक नहीं रखी।उसको ही बीमारी लगती है। मैं सर्दी के मौसम में 10 बजे सो जाता हूं। गर्मी में रात 11 बजे सो जाता हूं। यदि हम समय से सोना और समय से उठना निर्धारित कर लें।जंक फूड, बाज़ार के खानों से बचें तो काफी हद तक बीमारियों से बच सकते हैं।