दहेज में ऑडी कार नहीं, पांच बाल्टी पानी चाहिए

पानी में आग लगाना एक मुहावरा है लेकिन वर्तमान समय में सबसे अधिक आग कहीं लगी है तो वाकई वह पानी ही है। 2050 तक देश के 21 शहरों में जल की किल्लत होने जा रही है। सीजेडीएवी में जल संग्रहण एवं वर्षा जल संचयन पर आयोजित कार्यक्रम में बचों ने नुक्कड़ नाटक 2050 में पानी की अहमियत को दिखाया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Jul 2019 10:00 AM (IST) Updated:Thu, 25 Jul 2019 06:23 AM (IST)
दहेज में ऑडी कार नहीं, पांच बाल्टी पानी चाहिए
दहेज में ऑडी कार नहीं, पांच बाल्टी पानी चाहिए

मेरठ, जेएनएन : पानी में आग लगाना एक मुहावरा है, लेकिन वर्तमान समय में सबसे अधिक आग कहीं लगी है तो वाकई वह पानी ही है। 2050 तक देश के 21 शहरों में जल की किल्लत होने जा रही है। सीजेडीएवी में जल संग्रहण एवं वर्षा जल संचयन पर आयोजित कार्यक्रम में बच्चों ने नुक्कड़ नाटक 2050 में पानी की अहमियत को दिखाया। साथ ही 'जल न जाए कहीं जल' गीत के जरिए पानी में आग लगने पर चिंता व्यक्त की।

बिसलरी की होगी पूजा

छात्राओं ने नमामि गंगे की थीम पर गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद छात्र-छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक में पानी की स्थिति को दिखाया। दिखाया कि किस तरह साल 2050 में लोग बिसलरी की बोतल रख 'ओम जय बिसलरी देवा' गीत के साथ पूजा कर रहे हैं। बच्चे के कम अंक लाने पर पिता शाम का पानी बंद कर देते हैं, विवाह में दहेज में ऑडी कार नहीं पांच बाल्टी पानी चाहिए। यह मांग सुन लड़की पक्ष परेशान हो जाता है और शादी टूट जाती है। कपड़े धोने वाले साबुन के पानी से ही कार धोई जा रही है। बच्चों ने संदेश दिया कि पानी न बचाया तो लोग प्यासे मरेंगे, सुनार थालियों में पानी बेचा करेंगे।

मुंह धोने को भी नहीं मिलेगा पानी

मेरठ विकास प्राधिकरण, जागरूक नागरिक एसोसिएशन और मेरा शहर मेरी पहल के सहयोग से स्कूल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट को लगाया गया। इसका शुभारंभ करने पहुंचे एमडीए चेयरमैन राजेश कुमार पांडेय ने कहा कि 'उठो लाल अब आंखें खोलो, पानी लाई हूं मुंह धो लो' कविता अब किताबों में नहीं दिखती है। इसी तरह पानी नहीं बचाया तो मुंह धोने के पानी की भी किल्लत होगी। इसलिए जरूरी है कि जल को संरक्षित करने के साथ ही अधिक से अधिक पौधे लगाएं, जिससे जल, जमीन और हवा को भी सुरक्षित किया जा सके। एसपी देहात अविनाश पांडेय ने भी बच्चों को जल संरक्षण से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

ईश्वर के टैंक को भरना जरूरी है

इंडियन वाटर रिसोर्स सोसायटी के कन्वीनर बीडी शर्मा ने कहा कि जल बचाने के लिए हमें ईश्वर द्वारा धरती के भीतर बनाए गए टैंक तक जल पहुंचाना होगा, तभी हमारे लिए पीने का पानी बचेगा। जागरूक नागरिक एसोसिएशन के महासचिव गिरीश शुक्ला ने कहा कि हमें केपटाउन का उदाहरण पेश करने की बजाय फिलिपींस का उदाहरण बनना होगा, जहां 10 पौधे लगाने के बाद ही छात्रों को डिग्री मिलती है। स्कूल की प्रिंसिपल डा. अल्पना शर्मा ने अतिथियों का अभिवादन किया। इस अवसर पर आरके अरोड़ा, अंकुश चौधरी, एसके शर्मा, पीएन पालीवाल, प्रभात राय आदि उपस्थित रहे।

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