बाइक बोट घोटाले में कंपनी का सहायक निदेशक लोकेंद्र गिरफ्तार

4200 करोड़ के बाइक बोट घोटाले में गर्वित इनोवेटिड प्रा. लि (जीआइपीएल) कंपनी के सहायक निदेशक लोकेंद्र को एसटीएफ ने मथुरा के गोवर्धन चौराहे से गिरफ्तार कर लिया है। नोएडा की दादरी पुलिस की ओर से लोकेंद्र पर 50 हजार का इनाम भी घोषित था। लोकेंद्र रिटायर्ड फौजी है जो बाइक बोट घोटाले में शामिल हो गया था।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 28 Jan 2022 12:25 AM (IST) Updated:Fri, 28 Jan 2022 12:25 AM (IST)
बाइक बोट घोटाले में कंपनी का सहायक निदेशक लोकेंद्र गिरफ्तार
बाइक बोट घोटाले में कंपनी का सहायक निदेशक लोकेंद्र गिरफ्तार

मेरठ, जेएनएन। 4200 करोड़ के बाइक बोट घोटाले में गर्वित इनोवेटिड प्रा. लि (जीआइपीएल) कंपनी के सहायक निदेशक लोकेंद्र को एसटीएफ ने मथुरा के गोवर्धन चौराहे से गिरफ्तार कर लिया है। नोएडा की दादरी पुलिस की ओर से लोकेंद्र पर 50 हजार का इनाम भी घोषित था। लोकेंद्र रिटायर्ड फौजी है, जो बाइक बोट घोटाले में शामिल हो गया था।

एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार ने बताया कि टीम ने मथुरा के गोवर्धन चौराहे के पास से लोकेंद्र पुत्र सरदार सिंह निवासी कलाखूरी बुलंदशहर हाल निवासी सी-146 सेक्टर 36 ग्रेटर नोएडा को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे की विवेचना भी ईओडब्ल्यू शाखा में हो रही है। एएसपी ने बताया कि लोंकेंद्र भारतीय सेना की बीस जाट रेजिमेंट से 2017 में रिटायर्ड हो चुके हैं। सेना में रहते हुए उनकी तैनाती मेरठ में थी। तभी उनकी मुलाकात कंपनी के निदेशक भूदेव से हुई थी। इसके बाद भूदेव ही लोकेंद्र के घर बुलंदशहर पहुंचा और लोकेंद्र को कंपनी से जोड़ दिया था। लोकेंद्र को कंपनी का सहायक निदेशक बनाया गया। साथ ही लोकेंद्र को हस्ताक्षर की आथोरिटी दे दी गई थी। 2019 में कंपनी बंद होने के बाद से लोकेंद्र फरार था। लोकेंद्र के खिलाफ दर्ज है 105 मुकदमे

नोएडा के दादरी, गाजियाबाद के साहनीगेट, कोतवाली, अलीगढ़ के बन्ना देवी, मेरठ के सिविल लाइन, गाजियाबाद के मोदीनगर, बागपत के बड़ौत, मुजफ्फरनगर के शाहपुर, बरेली कैंट, बुलंदशहर के कोतवाली थाने में लोकेंद्र के खिलाफ 105 मुकदमे दर्ज हैं। लोकेंद्र को एसटीएफ ने पकड़कर दादरी थाने में सुपुर्द कर दिया है। विभिन्न जनपदों से उसके खिलाफ रिमाड तैयार कर आरोपित बनाया जाएगा। यह है बाइक बोट घोटला

संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्रोमोटर्स प्रा. लि. (जीआईपीएल) में बाइक बोट स्कीम में एक व्यक्ति से करीब 65 हजार की बाइक के नाम से निवेश करवाया, जिसमें हर महीने 9000 तथा वर्ष में 1,08,000 का कमीशन कमाने का लुभावना लालच देकर ठगी को अंजाम दिया। आरोपित की कंपनी में करीब 12,000 कर्मचारी काम करते थे। करीब 10,000 से अधिक बाइक टैक्सी संचालित कर रखी थी। आरोपित ने करीब 1,50,000 लोगों को ठगा है।

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