CBSE का ‘विद्या दान’ प्रोग्राम, पूरा ई-कंटेंट ऑनलाइन; जानिए क्या होगा फायदा Meerut News
शिक्षा के स्तर और बेहतर बनाया जा सके इसके लिए cbse ने बड़ी पहल की है। सीबीएसई स्कूलों में समान और बेहर शिक्षण माहौल बनाने के लिए सीबीएसई ने ‘विद्या दान’ प्रोग्राम की शुरुआत की है।
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। सीबीएसई स्कूलों में समान और बेहर शिक्षण माहौल बनाने के लिए सीबीएसई ने ‘विद्या दान’ प्रोग्राम की शुरुआत की है। सीबीएसई ने देश के शहरी क्षेत्र के स्कूलों से उनके पढ़ाने के तौर-तरीके, कंटेंट, कोर्स मैटेरियल और बेस्ट प्रैक्टिसेस एकत्र किए हैं। सीबीएसई के ई-कंटेंट को समृद्ध करने के लिए स्कूलों ने भी बढ़ चढ़कर कंटेंट तैयार किए और भेजे हैं। सीबीएसई ने पूरा ई-कंटेंट ऑनलाइन कर दिया है। इसका इस्तेमाल देश के सुदूर क्षेत्र के स्कूल भी निश्शुल्क कर सकते हैं।
पांच विषयों का है content
प्राथमिक तौर पर सीबीएसई ने अपने ई-कंटेंट में कक्षा छह से 10वीं तक के स्कूलों, शिक्षकों व छात्र-छात्रओं के लिए पांच विषयों को शामिल किया है। इनमें अंग्रेजी, हंिदूी, गणित, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान है। स्कूलों से मिले ई-कंटेंट को एनसीईआरटी सिलेबस के अनुरूप सूचीबद्ध किया गया है जिससे स्कूलों को कक्षावार कंटेंट खोजने व डाउनलोड करने में कोई दिक्कत न हो। इसकी विस्तृत कार्ययोजना भी जल्द ही सीबीएसई की ओर से जारी की जाएगी।
हर चैप्टर में होंगे यह content
शहरी स्कूलों के पढ़ाने के तौर-तरीकों को ग्रामीण स्कूलों तक पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार इस ई-कंटेंट के हर चैप्टर को नौ हिस्सों में बांटा गया है। इनमें शिक्षकों के लिए लर्निग आउटकम, महत्वूर्ण ¨बदुओं को फोकस स्पॉट्स में, लेसन प्लान, एक्सप्लानेशन कंटेंट, क्वेश्चन बैंक, एनसीईआरटी किताबों की पीडीएफ प्रति, मार्किंग स्कीम, अनुभवात्मक कंटेंट और जिज्ञासु प्रश्न शामिल हैं।
इनका कहना है
विद्या दान प्रोग्राम से ग्रामीण स्कूलों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। बिना किसी खर्च के बेहतरीन कंटेंट से स्कूलों, शिक्षकों व छात्र-छात्रओं को सीधे लाभ पहुंचेगा। शिक्षण के स्तर में सुधार होगा।
- मनीष अग्रवाल, आरओ, नोएडा
और स्कूल भी भेज सकते हैं ई-कंटेंट
सीबीएसई के निदेशक ट्रेनिंग डा. बिश्वजीत साहा के अनुसार विद्या दान का अभियान जारी है। जो भी स्कूल कंटेंट तैयार कर दान करना चाहते हैं, वह सीबीएसई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के जरिए अपना कंटेंट भेज सकते हैं। जितने स्कूलों से ई-कंटेंट मिलता जाएगा, इसे और अधिक समृद्ध बनाया जाएगा।